अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन मोड में आ गए हैं. वह सिर्फ काम पर ध्यान देना चाहते हैं. उन्होंने कहा है कि चुनाव के तीन महीने पहले तक मुझे काम करने में दिलचस्पी है. नीतीश कुमार ने चुनाव की तैयारी के दौरान मीडिया या कहीं भी कोई राजनीतिक बात नहीं करने का आग्रह किया है.
दरअसल नीतीश कुमार इन दिनों कई तीखे सवालों का सामना कर रहे हैं. बीजेपी और जेडीयू के बीच रिश्तों में तल्खी को लेकर उनसे कई तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं. रविवार को ही पटना में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जो बात सामने आई उससे ये तय हो गया कि नीतीश एनडीए में अपनी शर्तों पर रहेंगे. बिहार के अलावा देश में जेडीयू बीजेपी के साथ कहीं नहीं रहेगी. इसके अलावा जेडीयू ने धारा 370, समान नागरिक संहिता और राम मंदिर पर अपना पुराना स्टैंड कायम रखने का निर्णय लिया.
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी को लेकर विस्तार से बात की है. जो माहौल बनाया जा रहा है, उसमें कोई सच्चाई नहीं, हम एनडीए का हिस्सा हैं और रहेंगे. 2020 का चुनाव एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा. हालांकि हम केंद्र में मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं बनेंगे, ये भी तय है.
प्रशांत किशोर को लेकर भी नीतीश कुमार से कई सवाल पूछे जा रहे हैं. जबसे उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए प्रचार करने की बात कही है तब से ही जेडीयू और नीतीश से प्रशांत किशोर जो पार्टी के उपाध्यक्ष भी हैं उनको लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं. जेडीयू ने कहा है कि उनकी पार्टी को प्रशांत किशोर के संगठन इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (आईपैक) से कोई लेना देना नहीं है