ऊना। भयंकर गर्मी से किसानों को हर तीसरे दिन सिंचाई करनी पड़ रही है। किसान सुबह से शाम तक खेत में ही फसलों की सिंचाई करने में ही जुटे हैं। किसानों की परेशानी जून से ज्यादा बढ़ गई है। मई में कुछ दिनों के बाद हल्की बूंदाबंदी होती रही, लेकिन जून के शुरू होते ही सूर्यदेव के प्रचंड रूप से किसान काफी परेशान हैं।
जिला ऊना में करीब 64 हजार के करीब लोग खेतीबाड़ी से जुड़े हैं। उन्हें हर तीसरे दिन फसलों को सिंचित करना पड़ रहा है। बता दें कि जिले में इस समय मक्की के साथ-साथ फ्रांसबीन, भिंडी, घीया, कद्दू, खीरा, मूली, शलगम आदि फसलें खेतों में लगाई गई हैं। कई किसान फसलों को तीसरे दिन सिंच नहीं कर पा रहे हैं, जिससे फसलें सूख रही है। दूसरी ओर पहाड़ी क्षेत्रों में भी मक्की फसल पर संकट के बादल छाए हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में फसलों का अस्तित्व बारिश पर ही निर्भर है। जिले ऊना में करीब 29 हजार हेक्टेयर भूमि में मक्की की पैदावार की जाती है। इसमें से करीब 16 हजार मिट्रिन टन मक्की का उत्पादन प्रतिवर्ष होता है। इस वर्ष बारिश न होने से मक्की सहित अन्य फसल व सब्जियां पर्याप्त पानी न मिलने से सूख रही है।
कृषि उपनिदेशक डॉ. सुरेश कपूर ने कहा कि किसान दोपहर के समय फसलों को सिंचित न करें। दोपहर के समय अत्यधिक गर्मी होती है। जिससे जमीन गर्म-सर्द हो सकती है। फसल पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए किसान सुबह-शाम ही फसलों की सिंचाई करें।