सरकार हिमाचल की सड़कों का ऑडिट कराने जा रही है। ऑडिट केंद्रीय एजेंसी राइट से कराया जाएगा। इस टीम को एक महीने के भीतर बुलाया जा रहा है। यह टीम हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेगी।कहां सड़क को चौड़ा करने की जरूरत है, कहां-कहां पैरापिट रेलिंग लगनी चाहिए और ऐसे क्षेत्र जहां दुर्घटनाएं होने की अधिक संभावनाएं हो सकती है। इसका खाका तैयार करेगी। हिमाचल में बढ़ते हादसों को रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
हिमाचल में ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाने को अब सरकार निजी बसों में भी टिकटों की चेकिंग करेगी। सरकार को सूचना मिली है कि निजी बस ऑपरेटर कम किराये में सवारियों को ढो रहे हैं। ऐसे में इन बसों में ओवरलोडिंग होती है। बस हादसा होने की संभावना अधिक रहती है। हिमाचल की अधिकांश सड़कें डंगों पर टिकी हैं। कई डंगे ऐसे हैं, जिनमें बाहर से सीमेंट लगाया गया है, जबकि भीतर से खोखले हैं। यह डंगे भी बैठ रहे हैं। शिमला में जो डंगे लगाए जा रहे हैं, उनमें मिट्टी मिक्स क्रशर का रेत इस्तेमाल हो रहा है।
सरकार योजना तैयार कर रही है कि अब जो डंगे लगेंगे, उनकी मजबूती को लेकर संबंधित एरिया के जूनियर इंजीनियर और एसडीओ से शपथ पत्र लिया जाएगा। अगर डंगा गिरता है तो अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।