बाल निकेतन में एक किशोरी ने जहर पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की। किशोरी अपनी मां के पास जाना चाहती है। दरअसल किशोरी के पिता ने उसके साथ ज्यादती की। जिसके बाद उसे जेल हो गई थी। किशोरी के बयान बदलने के कारण और ज्यादती के साक्ष्य न मिलने के कारण कोर्ट ने केस खरिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने मां के लिए कुछ शर्तों के आधार पर बेटी को साथ रखने के इजाजत दी है। साथ ही बाल कल्याण समिति को किशोरी का फॉलोअप करने का आदेश दिया है।
बाल निकेतन में रहने वाली एक किशोरी ने मां के पास जाने की जिद करते हुए शुक्रवार को जहर पी लिया था। बाल निकेतन प्रबंधन को जानकारी लगने के बाद किशोरी को हमीदिया अस्पताल पहुंचाया गया, उसे मेडिकल वार्ड में भर्ती किया गया। जहां उसकी हालत स्थिर है।
किशोरी भले ही मां के पास जाने की जिद कर रही है, लेकिन वह मां के पास सुरक्षित नहीं है। बाल निकेतन गृह और बाल कल्याण समिति का मानना है कि किशोरी के सौतेले पिता से उसकी मां का तलाक नहीं हुआ है। वह दोनों अभी भी मिल जुल रहे हैं। मां के दबाव में ही आकर बेटी ने पहले ज्यादती की शिकायत की लेकिन बाद में बयान बदल दिए हैं। जिसकी वजह से सौतेले पिता मामले से बरी हो गया।
पिता काे बरी करने के साथ ही कोर्ट ने किशोरी काे मां के साथ रहने की इजाजत कुछ शर्तों पर दी है। कोर्ट ने कहा है कि समिति सुनिश्चित करे कि मां उस व्यक्ति के साथ नहीं रहेगी, जिसकी शिकायत किशोरी ने की थी। मां बच्ची का भरण-पोषण और उसकी पढ़ाई लिखाई पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाएगी। सोमवार को मां ने समिति को शपथ-पत्र दे दिया है।