यूपीए चेयरपर्सन और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने लोकसभा में आज रेलवे के निजीकरण को लेकर सवाल उठाए हैं. सोनिया गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार रेलवे की 6 उत्पादन इकाइयों का कंपनीकरण करने वाली है. इस योजना के पहले चरण में रायबरेली की मॉर्डन कोच फैक्ट्री होगी. सोनिया ने कहा कि कंपनीकरण निजीकरण की एक शुरूआत है. अगर रेलवे की संपत्ति कोड़ियों के दाम निजी हाथों के हवाले कर दी गई तो इससे हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे.
सोनिया गांधी ने कहा, ‘’बड़ी चिंता इस बात की है कि मोदी सरकार ने इस प्रयोग के लिए रायबरेली की मॉर्डन कोच फैक्ट्री को चुना है, जो कई कामयाब परियोजनाओं में से एक है. इसे यूपीए सरकार ने देश के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने यानी मेकिंग इंडिया के लिए शुरू किया था.’’ उन्होंने कहा, ‘’आज इस कारखाने में उसकी बुनियादी क्षमता से भी ज्यादा उत्पादन हो रहा है. भारतीय रेलवे का यह सबसे आधुनिक कारखाना है और सबसे सस्ती कीमतों पर रेलवे कोच बनाने के लिए मशहूर है.’’
सोनिया गांधी ने आगे कहा, ‘’संसद में रेलवे बजट पेश करने की परंपरा इस सरकार ने अचानक खत्म कर दी. क्या अब हम कंपनीकरण के इन कदमों की संसदीय छानबीन की उम्मीद भी ना रखें? इस सरकार ने कारखानों की मजदूर यूनियन्स को विश्वास में नहीं लिया, जिनके पसीनों से ये उद्योग बड़े हुए हैं. मैं सरकार को याद दिलाना चाहती हूं कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का बुनियादी स्तर लोक कल्याण है, निजी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना नहीं.’’