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बैटिंग हो या बॉलिंग, हर मोर्चे पर कोहली के सामने खड़ी हैं ये ‘विराट’ चुनौतियां!….

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विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम वर्ल्डकप-2019 के सेमीफाइनल में पहुंच गई है. पूरे वर्ल्डकप में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया है और बांग्लादेश को मात देते ही अपनी सीट टॉप-4 में पक्की कर ली. सेमीफाइनल में टीम इंडिया की भिड़ंत किससे होगी, ये तो अभी तय नहीं है. लेकिन एक बात जो तय है वो है कि वर्ल्डकप जीतने की राह अभी इतनी भी आसान नहीं है.

क्योंकि पूरे टूर्नामेंट में रोहित की बल्लेबाजी और बुमराह की गेंदबाजी को छोड़ दें तो हर मोड़ पर भारतीय टीम में कमी दिखी है. चाहे वो धोनी की धीमी बल्लेबाजी हो, स्पिनर्स का पिट जाना या फिर केएल राहुल का खोता आत्मविश्वास. वर्ल्डकप जीत से दो कदम दूर टीम इंडिया को अभी किन चुनौतियों का सामना करना है, जरा एक नज़र इस पर भी डाल लीजिए…

बल्लेबाजी ना डुबो दे लुटिया!

पूरे टूर्नामेंट में रोहित शर्मा शानदार फॉर्म में रहे हैं, जिस मैच में उनका बल्ला बोला है वहां टीम इंडिया ने शानदार स्कोर बनाया है. लेकिन जिस मैच में वो फेल हुए वहां हर किसी को संघर्ष करना पड़ा है. शुरुआत ओपनिंग से ही होती है, शिखर धवन बाहर हुए तो राहुल ने जिम्मा संभाला. लेकिन राहुल में भी दम नहीं दिख रहा है, पिछले मैच में बनाया गया अर्धशतक भी ये भरोसा नहीं दिलाता है कि राहुल पूरी तरह रंग में हैं.

रोहित शर्मा के बाद अभी तक सिर्फ कप्तान विराट कोहली का बल्ला ही बोला है. विराट कोहली ने अभी तक टूर्नामेंट में पांच अर्धशतक जमाए हैं. लेकिन विराट के अलावा पूरा मिडिल ऑर्डर फेल रहा है. महेंद्र सिंह धोनी ने उतने रन नहीं बनाए, जितनी वो गेंद खेल चुके हैं. केदार जाधव कोई कमाल नहीं कर सके, हार्दिक पंड्या का बल्ला वैसा नहीं चला है जिसके लिए वो जाने जाते हैं और ऋषभ पंत भी नए हैं.

बल्लेबाजी के डरावने आंकड़े…

केएल राहुल का बल्ला वर्ल्डकप में खामोश रहा है. राहुल ने अभी तक सिर्फ दो ही अर्धशतक जमाए हैं, पिछले मैच में बनाई गई फिफ्टी में स्ट्राइक रेट सिर्फ 73 का ही रहा था. जो करियर का सबसे कम है.

# मिडिल ऑर्डर टीम इंडिया की सबसे बड़ी दिक्कत है. इस साल 4 से 7 नंबर के किसी बल्लेबाज ने टीम के लिए शतक नहीं बनाया है. पिछले 6 महीने में टीम के टॉप 3 बल्लेबाज 10 शतक बना चुके हैं.

# सर्वश्रेष्ठ फिनिशर का तमगा साथ लेकर चलने वाले महेंद्र सिंह धोनी इस वर्ल्डकप में फेल रहे हैं. कई अहम मोड़ पर उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया और जहां पर रन स्कोर किया वहां उनकी धीमी बल्लेबाजी ने टीम पर बुरा असर डाला.

ओपनर को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी ऐसा निकलकर सामने नहीं आया है जो अपने दम पर मैच जिता दे. हालांकि, किसी-किसी मैच में गेंदबाजों ने दम दिखाया है. कभी बुमराह तो कभी शमी, मैच बदलने में कामयाब रहे हैं.

पूरे वर्ल्डकप में टीम इंडिया की तरफ से सिर्फ ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या का स्ट्राइक रेट 100 से ऊपर है. लेकिन वो भी लंबी पारी नहीं खेल पा रहे हैं, चुनौती है कि 30-40 को 70-80 में कन्वर्ट किया जाए.

टीम इंडिया के फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ 4 छक्के ही जमा पाए हैं.

सबसे बड़ी चुनौती आखिरी ओवरों में निकल कर सामने आई है, जहां टीम रन नहीं बना पा रही है. अफगानिस्तान के खिलाफ आखिरी 10 ओवर में सिर्फ 49 रन बने, बांग्लादेश के खिलाफ 63, इंग्लैंड के खिलाफ 72 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 78 रन.

कहीं फेल ना हो जाएं गेंदबाज!

कुल मिलाकर भारतीय बॉलर्स ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उसके बावजूद कुछ मैचों में उनकी पोल भी खुली है. जिस तरह इंग्लैंड ने भारतीय स्पिनर्स को धोया और तेज गेंदबाज आखिरी ओवर में बेदम दिखे, उसने चिंता बढ़ाई. विराट कोहली अभी तक हर मैच में 5 गेंदबाजों का ही इस्तेमाल करते आए हैं, ऐसे में किसी बॉलर के फेल होने पर विकल्प सामने नहीं आया है.

मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल कुछ मैच में काफी महंगे साबित हुए हैं. इसलिए इनके बुरे दिन पर बचाव कौन करेगा, इसका जवाब ढूंढना होगा.

# 3 मैच में भारत ने सिर्फ पांच बॉलर्स का उपयोग किया.

# केदार जाधव ने इस वर्ल्डकप में सिर्फ 6 ओवर डाले, विजय शंकर भी कुछ ही ओवर डाल पाए.

# भारतीय बॉलर्स ने अभी तक 60 विकेट लिए हैं, इनमें से दो पार्ट टाइमर ने लिए हैं.

जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार टीम के लिए विकेट लेने के साथ-साथ कम रन देने में भी माहिर हैं.

अभी ये तय नहीं है कि भारतीय टीम किस टीम के साथ सेमीफाइनल में खेलेगी, पहले या दूसरे लेकिन अगर मैदान को देखें तो पहला सेमीफाइनल मैनचेस्टर में खेला जाना है जहां पर टीम का रिकॉर्ड कुछ खास नहीं है. यहां टीम ने 10 में से पांच मैच हारे हैं, सिर्फ रोहित शर्मा ही यहां पर शतक जमा पाए हैं. हालांकि, वर्ल्डकप में भारत ने इसी मैदान पर पाकिस्तान को हराया था.

अगर बात दूसरे सेमीफाइनल की करें तो वह बर्मिंघम में होगा, ये वही मैच है जहां भारतीय टीम इंग्लैंड से हार गई थी. लेकिन ओवरऑल रिकॉर्ड अच्छा है, क्योंकि टीम ने यहां 12 मैच खेले हैं जिनमें से 8 जीते हैं. हालांकि, टीम के स्पिनर्स इस मैदान पर कुछ खास नहीं कर पाए. 30 ओवर में सिर्फ 2 ही विकेट स्पिनर झटक पाएंगे.

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