मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भविष्य का मध्यप्रदेश बनाने और जनता की अपेक्षाएं कैसे पूरे हों, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। प्रजातंत्र के मंदिर विधायिका में हमें इसी कर्तव्य का पालन करना चाहिए। शनिवार को मध्यप्रदेश विधानसभा के कैलाश मानसरोवर सभाकक्ष में नव-निर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे
कमलनाथ ने कहा, “कब हमें बोलना, कब हमें चुप रहना है। इस बारीकी को समझना होगा। हमें सिर्फ बोलना है यह नहीं सार्थक रूप से अपनी बात कहना है। इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। शोर-शराबा और विषयांतर होकर अपनी बात करने से हम न केवल अपने अधिकारों, कर्तव्यों बल्कि क्षेत्र की जनता के साथ ही अन्याय करते हैं। जिससे हमें विश्वास के साथ चुनकर भेजा है।”
कमलनाथ ने कहा कि 40 साल पहले जब वे पहली बार लोकसभा सदस्य चुना गया था। तब मैंने पहली बार संसदीय ज्ञान की पहली सीढ़ी ऐसे ही प्रबोधन कार्यक्रम के जरिए चढ़ी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान ने विधायिका के कर्तव्यों और अधिकारों को बेहतर ढंग से परिभाषित किया। हमें अपने इस संविधान की आत्मा को आत्मसात कर अपने देश, प्रदेश और क्षेत्र की जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना है।
विधायनी पत्रिका का विमोचन
इस मौके पर मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति, विधानसभा उपाध्यक्ष सुश्री हिना कांवरे, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह एवं लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव उपस्थित थीं। शुरूआत में मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री अवधेश प्रताप सिंह ने प्रबोधन कार्यक्रम के उद्देश्य और रूपरेखा बताई। इस मौके पर मध्यप्रदेश विधानसभा की त्रैमासिक पत्रिका विधायनी के नए अंक एवं विधानसभा से संबंधित नियम-प्रक्रिया की पुस्तक का विमोचन हुआ।
राज्य के विकास योजनाओं की राशि में कटौती चिंतनीय
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को छिंदवाड़ा के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में राज्य की विकास योजनाओं को लेकर लगभग 3 हजार करोड़ रुपए की कटौती चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर वे अतिशीघ्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि केंद्र के बजट से महंगाई बढ़ेगी। पेट्रोल डीजल की दरों में वृद्धि से समाज का हर तबका परेशान होगा।
जनता के पास जाएंगे तो क्या बताएंगे-
- कमलनाथ ने कहा- देश में हो रहे परिवर्तनों के अनुरूप हमें मध्यप्रदेश को बनाना है ताकि हम कल का प्रदेश बनाने में पीछे न रह जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जिम्मेदार प्रतिनिधि को हमारी संसदीय परंपराओं, नियम प्रक्रियाओं का गहन अध्ययन करना चाहिए।
- हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत विधानसभा के फोरम का, जनता और प्रदेश हित में बेहतर भूमिका निभा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल के लिए हम चुने गए हैं। हम जब अपना कार्यकाल पूरा करके फिर से जनता के बीच समर्थन मांगने जाएं तो वह हमारा स्वागत करें हमें आत्मसंतुष्टि हो यही हमारी सफलता होगी।
- कमलनाथ ने कहा कि हमारी एकजुट कोशिश से ही हम प्रदेश के विकास का एक नया नक्शा बना पाएंगे। कमलनाथ ने कहा कि समय के साथ राजनीति बदली है। कई परिवर्तन हमारे समाज में हुए हैं। बुजुर्गों की दुनिया से अलग नई पीढ़ी की दुनिया हमाने सामने हैं।
- इन परिवर्तनों को हमें देखना समझना है। नई पीढ़ी हमारा सम्मान करें वह संतुष्ट हो। विधायिका और कार्यपालिका के साथ इन्हें कैंसे जोड़े और इनकी अपेक्षाओं को कैंसे पूरा करें यह हमारे सामने आज सबसे बड़ी चुनौती है।।
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