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स्पीकर के पक्ष में SC के फैसले से कुमारस्वामी सरकार गिरेगी या बचेगी? जानें- 5 प्वाइंट्स में….

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कर्नाटक में पिछले दो सप्ताह से चल रहे सियासी घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के इस्तीफों पर बुधवार को फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि बागी विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर अपनी इच्छा के मुताबिक फैसला ले सकते हैं.साथ ही कोर्ट ने कहा कि बागी विधायकों को सदन की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. फैसला सुनाते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि मामले में संवैधानिक संतुलन बनाना जरूरी है, जो सवाल उठे हैं उनके जवाब बाद में तलाशे जाएंगे. कांग्रेस-जेडीएस के 15 बागी विधायकों ने इस्तीफे स्वीकार करने का  स्पीकर को निर्देश देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिक दाखिल की थी.

कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में सभी पक्षों की ओर से जोरदार दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. कुमारस्वामी और विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों की याचिका पर विचार करने के न्यायालय के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया था. वहीं, बागी विधायकों ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार बहुमत खो चुकी गठबंधन सरकार को सहारा देने की कोशिश कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन और कांग्रेस के पास क्या विकल्प हैं? कर्नाटक की सियासत में अब क्या होगा. क्या कुमारस्वामी सरकार बचेगी या गिरेगी, जानें इन पांच प्वाइंट्स में.

कर्नाटक में स्पीकर को छोड़कर विधायकों की संख्या 223 है. बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन जरूरी है. कांग्रेस (78), जेडीएस (37) और बसपा (1) की मदद से कुमारस्वामी सरकार के पास अभी 116 विधायक हैं, लेकिन 16 विधायक बागी होकर विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. अगर स्पीकर बुधवार को इन बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी. सरकार के पास 100 का आंकड़ा होगा, जबकि भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है.यदि स्पीकर बागियों को अयोग्य ठहरा देते हैं तो भी सदन में गुरुवार को विश्वास मत के दौरान सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा जुटाना होगा. यह उसके पास नहीं होगा. ऐसे में भी सरकार गिर जाएगी.

यदि 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं होते हैं और वे फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो सरकार के पक्ष में 100 वोट पड़ेंगे. यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से कम होगी. ऐसे में कुमारस्वामी सरकार विश्वास मत खो देगी और सरकार के खिलाफ वोट करने पर बागियों की सदस्यता खत्म हो जाएगी.

इस स्थिति में विश्वास मत के समय सदन में सदस्य संख्या 207 रह जाएगी. बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का हो जाएगा. लेकिन, बागियों की अनुपस्थिति में सरकार के पक्ष में केवल 100 वोट पड़ेंगे और ऐसे में भी सरकार गिर जाएगी.ऐसी स्थिति में भाजपा राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. 76 वर्षीय बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार गिर गई तो हम तीन दिन में राज्य में भाजपा सरकार बना लेंगे.

 

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