Home Una Special पुल न होने से आफत बनी बरसात…

पुल न होने से आफत बनी बरसात…

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ऊना। उपमंडल बंगाणा की धनेत पंचायत के गांव घनेटी, सर पुरोहितां, चपलाह, गारला, चपलाह कुटलैहड़ियां के लोग आजादी के सात दशक बाद भी गुलामों की जिंदगी जी रहे हैं। इन गांवों में बरसात शुरू होते ही लोग दो माह का राशन घरों में एकत्रित करना आरंभ कर देते हैं। वजह है गांव के लिए पुल का न होना। इस गांव में पुल न होने से लोगों का संपर्क जिला मुख्यालय और उपमंडल से कट जाता है। गांव के साथ खड्ड बहती है। खड्ड में क्षेत्र के कई गांवों का पानी जमा होकर बहता है। प्रशासन और सरकार की अनदेखी के कारण खड्ड पर आज तक पुल नहीं बन पाया है। गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र, प्राथमिक स्कूल, पटवार घर, आंगनबाड़ी केंद्र, डाकघर आदि सरकारी संस्थान हैं। लेकिन बरसात होते ही इन संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी भी ड्यूटी पर आने से कतराते हैं।

लोगों का कहना है कि बरसात में खड्ड के उफान पर होने के कारण लोगों को जान जोखिम में डालकर इसे पार करना पड़ता है। बरसात में अगर बारिश हो जाए तो लोगों को खड्ड के पानी के उतरने का इंतजार करना पड़ता है। ग्रामीण राकेश, गुरदेव, अंजना, अनिकेत, विनोद, सुहड़ू राम, निर्मला देवी, सीमा, केहरो देवी, अविनाश का कहना है कि बच्चों को स्कूल छोड़ने भी सुबह और शाम अभिभावकों को साथ जाना पड़ता है। 100 मीटर लंबी खड्ड में पानी में उतर कर सरकारी संस्थानों और गांवों तक पहुंचा जा सकता है।

ग्रामीणों ने पंचायती राज मंत्री से गुहार लगाई है कि बरसात के दिनों में उनके गांवों का दौरा किया जाए। हालात देखकर गांवों के लिए पुल बनाने के लिए राशि स्वीकृत करवाई जाए। पंचायत प्रधान कांता देवी और उपप्रधान श्रीधर शर्मा का कहना है कि बरसात के दिनों में पंचायत के गांव गुलामी का जीवन जीते हैं। इन पर पुल बनाने के लिए प्रस्ताव डाले हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता रामस्वरूप कालिया ने कहा कि विभाग की टीम जल्द ही गांवों का दौरा करके पुल बनाने की रूपरेखा तैयार करेगी।

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