हिमाचल में अब कैंसर के उपचार में मरीजों को कम दर्द झेलना पड़ेगा। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला के कैंसर अस्पताल में प्रदेश की पहली पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट स्थापित की गई है। अब कैंसर से ग्रस्त मरीजों की कीमोथैरेपी या अन्य उपचार के दौरान होने वाले दर्द को अत्याधुनिक मशीनरी और दवाइयां-इंजेक्शन काफी हद तक कम कर देंगे। गुरुवार से रेडियोथैरेपी और ऑनकोलॉजी विभाग के तहत यह सुविधा शुरू की गई है।
70 फीसदी तक कैंसर फैलने पर मरीजों को दर्द झेलना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मरीजों को उपचार के लिए पीजीआई चंडीगढ़ या एम्स दिल्ली ले जाना पड़ता था। आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज से हर महीने दर्जनों मरीज उपचार के लिए बाहरी राज्यों के अस्पताल में जाते हैं
शिमला कैंसर अस्पताल के अलावा टांडा में कैंसर मरीजों का उपचार हो रहा है, लेकिन पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट हिमाचल में पहली बार शुरू की गई है। उपचार की तकनीक सीखने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनय सौम्या को प्रशिक्षण लेने के लिए हिंदू वाराणसी भेजा गया था। यहां एक साल का प्रशिक्षण लिया गया। उनकी देखरेख में यह उपचार होगा