बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शुक्रवार को साफ़-साफ़ कहा कि राज्य में बीजेपी के साथ गठबंधन में कोई ‘खचपच’ नहीं हैं. नीतीश अपने पार्टी के राज्य परिषद की बैठक में बोलते हुए कहा कि इस गठबंधन में खचपच करने वाला अगले साल के विधानसभा चुनाव के बाद बुरे हाल में होगा. नीतीश निश्चित रूप से बिहार भाजपा के अंदर नेताओं के एक गुट द्वारा उनके नेतृत्व पर हाल में बयानबाज़ी से दुखी दिखे. बिना नाम लिए उन्होंने अपने मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा, ‘कोई अनाप-शनाप बोल रहा हैं तो बोलने दीजिए, नोटिस मत लीजिए. फिर प्रवक्ताओं की तरफ़ मुख़ातिब होते हुए कहा कि आप लोग भी प्रतिक्रिया देने से बचें. नीतीश कुमार के रुख से साफ़ हैं कि वो अगले साल के विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेंगे. नीतीश के शुक्रवार को भाषण से लगा कि उनके ख़िलाफ़ विरोधियों से ज़्यादा सहयोगी दल में उनके ख़िलाफ़ क्या खिचड़ी पक रही हैं उसका अंदाज़ा रहता है. लेकिन वो अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर जान बूझकर उनको बातों को टालते रहते हैं. इसलिए नीतीश ने बार-बार बोला कि जो लोग लोकसभा चुनाव के पहले उनके बारे में क्या-क्या बोलते थे जनता ने उनका क्या हश्र किया थोड़ा देख लीजिए.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता गिरिराज सिंह ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोधियों पर निशाना साधा. इसके अलावा गिरिराज सिंह ने आर्टिकल 370, तीन तलाक और एनआरसी के मुद्दे पर नीतीश कुमार पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना भी साधा. गिरिराज सिंह ने कहा कि एनआरसी की बात ‘देश के चश्मे से देखें, वोट के चश्मे से नहीं.’ बिहार में एनआरसी की मांग मैं नहीं, परिस्थितियां कर रही हैं. सीमावर्ती जिलों में जनसंख्या वृद्घि ‘डेमोग्राफिक’ बदलाव बहुत तेजी से हो रहा है. हमें दर्द है, क्योंकि 80 के दशक में बांग्लादेशियों को भगाने के लिए हमने लाठियां खाई थी.’ गिरिराज सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन पर मेरी कोई टिप्पणी नहीं है. अभी बिहार में तीन महीने पहले हमने मोदी जी के चेहरे पर 40 में से 39 सीटें जीती. अभी नीतीश जी बिहार में राजग की तरफ से मुख्यमंत्री हैं. बिहार के लोगों को कभी-कभी देश हित के मुद्दे धारा 370, तीन तलाक, एनआरसी पर भिन्न राय से तकलीफ होती है.’
नीतीश पर निशाना सिर्फ गिरिराज सिंह ने ही साधा है ऐसा नहीं है. बीजेपी के विधान पार्षद संजय पासवान ने कहा ”बहुत हुआ नीतीश कुमार. अब उन्हें दिल्ली की राजनीति में जाना चाहिए और बिहार की गद्दी भाजपा नेताओं को देना चाहिए.” पासवान ने अपनी पसंद का मुख्यमंत्री सुशील मोदी को भी बताया. जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने इसके जवाब में कहा कि जब जनता ने नीतीश कुमार को जनादेश दिया हैं तब इस मांग की क्या ज़रूरत हैं. इतना ही नहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉक्टर सीपी ठाकुर ने कहा कि अगला विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर एनडीए को लड़ना चाहिए. उनका कहना हैं कि नरेंद्र मोदी का क़द नीतीश कुमार से काफ़ी बड़ा हैं और हाल के समय में जैसी लोकप्रियता बढ़ी हैं वैसे में उनके नाम और चेहरे पर लड़ने में ज़्यादा फ़ायदा होगा. हालांकि बीजेपी आलाकमान और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कभी नीतीश के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठाए हैं और कई बार साफ किया कि नीतीश कुमार की अगुवाई में ही बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा. लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी के नेताओं से ऐसे बयान एक रणनीति के तहत दिलवाए जा रहे हैं ताकि राज्य में जनता का मन टटोला जा सके.