भोपाल. युवा पीढ़ी तक गांधीजी के विचार और आज के समय में उनकी प्रासंगिकता पहुंचना चाहिए। आज देश जिस दाैर से गुजर रहा है, उसमें यह सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम गांधीजी के सिद्धांतों और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाएं। इस दिशा में हमें विशेष ध्यान देना होगा। गांधीजी के विचार, उनके दर्शन और सिद्धांतों को घर-घर तक पहुंचाना है। यह बात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को कही। वे मंत्रालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जन्मवर्ष पर प्रदेश में होने वाली गतिविधियों के लिए गठित समिति से चर्चा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि गांधीजी के विचार और उनकी प्रासंगिकता हमेशा रही है। इस दृष्टि से हम किसी एक वर्ष में गांधीजी को नहीं समेट सकते। उनके विचार जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। गांधीजी के विचारों का क्रियान्वयन कैसे हो, इसका एक समग्र प्रारूप तैयार किया जाए।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गांधीजी के 150वें जयंती वर्ष में आजादी की लड़ाई में उनके द्वारा अपनाए गए प्रमुख शस्त्र, जिनसे उन्होंने युवाओं, महिलाओं, आदिवासियों, दलितों में नई चेतना जागृत की और खादी को लेकर उनके दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने का सुझाव दिया। उन्होंने समाज में कटुता फैलाने वाले लोगों को प्रतिबंधित करने, स्कूलों में प्रार्थना में रामधुन और गांधीजी की सुप्रसिद्ध प्रार्थना ‘ईश्वर अल्लाह तेरे नाम-सबको सन्मति दे भगवान’, सभी सरकारी कार्यक्रमों में गांधीजी की प्रार्थना व खादी के उत्पादन को विशेष प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया। सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी गांधीजी के विचारों को प्रचारित करने व हाई-स्कूल पाठ्यक्रम की पुस्तकों में गांधीजी का पाठ शामिल करने को कहा। वर्धा से आए सुमन बरंत ने चरखा पर प्रबोधन कार्यक्रम और गांधीजी पर केन्द्रित पोर्टेबल प्रदर्शनी लगाने का सुझाव दिया। गांधीवादी चिंतक डॉ. एसएन सुब्बाराव ने भी अपने सुझाव रखे।