250 करोड़ से ज्यादा के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को पहली बार शिक्षा विभाग के अधीक्षक अरविंद राज्टा से साढ़े सात घंटे तक लंबी पूछताछ की।
सुबह सवा दस बजे शुरू हुई पूछताछ के दौरान सीबीआई ने छापे के दौरान घर से मिले दस्तावेजों और पेन ड्राइव के डेटा पर राज्टा से सवाल जवाब किया। सूत्रों का कहना है कि सीबीआई के सवालों पर राज्टा ने जो भी जवाब दिए, उससे जांच अधिकारी संतुष्ट नहीं थे। सूत्रों का यह भी कहना है कि पूछताछ के दौरान राज्टा सिर्फ इसी बात को दोहराता रहा कि सिर्फ उसे ही फंसाने का प्रयास क्यों हो रहा है, जबकि वह तो एक छोटा पुर्जा है और सिर्फ अफसरों से आदेश का पालन करता था।
सूत्रों का कहना है कि उसे बिना जांच एजेंसी को बताए शिमला से बाहर न जाने के लिए कहा गया है। साथ ही यह भी ताकीद की गई है कि जरूरत पड़ने पर दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
सीबीआई ने वीरवार को राज्टा के शिमला के ढली, भट्ठाकुफर और कलबोग में राज्टा के फ्लैट और घरों पर सर्च रेड की। छापामारी के दौरान सीबीआई राज्टा के घर से हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, बैंक पास बुक, चेक, बिजली बिल और अन्य दस्तावेज अपने साथ ले गई।
सूत्रों की मानें तो घोटाले के समय राज्टा शिक्षा निदेशालय में वरिष्ठ सहायक तैनात था। माना जा रहा है कि छात्रवृत्ति का सारा बजट उसी के हाथ से निकलता था। ऐसे में घोटाले को लेकर इसकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। सूत्रों का यह भी कहना है कि राज्टा से पूछताछ के आधार पर जांच एजेंसी आगे की जांच के दौरान शिक्षा विभाग के अन्य तत्कालीन अधिकारियों कर्मचारियों से पूछताछ करने पर विचार करेगी