मध्य प्रदेश में इस साल हुई भारी बारिश के बाद हुए सरकारी सर्वे पर भारतीय जनता पार्टी तो शुरू से ही सवाल उठा रही थी लेकिन अब खुद कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार द्वारा कराए गए बाढ़ के सर्वे पर सवाल उठाए हैं.
नीमच जिले में बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का दौरा करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नयागांव में अपने भाषण में कहा कि बाढ़ पीड़ितों और फसलों के नुकसान पर किए गए प्राथमिक सर्वे से वे संतुष्ट नहीं हैं. इस दौरान सिंधिया ने कहा कि ‘मैं विश्वास दिलाता हूं शासन प्रशासन को मेरे अन्नदाताओं के साथ खड़ा रहना ही होगा. यह अन्नदाताओं का प्रदेश है और इस संकट के समय में हम उनके साथ खड़े हैं.’
सिंधिया ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, “जो प्राथमिक सर्वे हुए मैं उनसे संतुष्ट नहीं हूं. अब बादल थोड़े छट चुके हैं और दो-तीन दिन बाद दोबारा सर्वे होना चाहिए. एक पटवारी, तहसीलदार और जो भी होगा वो जाए. जैसे वह सूचना कलेक्टर राजस्व विभाग मध्य प्रदेश में भेजेगा, वैसे ही मुआवजा राशि किसान के हाथ में होना चाहिए.’
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया नीमच जिले में नयागांव होते हुए रामपुरा गए थे उसके बाद मंदसौर जिले में बाढ़ पीड़ित गांवों का दौरा भी किया था. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना, शिवपुरी, भोपाल में भी बारिश के बाद तबाह हुई फसलों का दौरा किया था और बीते दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए त्वरित सर्वे की मांग की थी, जिसे सीएम कमलनाथ ने मान लिया था.
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया से पहले खुद सीएम कमलनाथ ने बाढ़ से प्रभावित मंदसौर और नीमच जिले का दौरा किया और आश्वासन दिया है कि 15 अक्टूबर तक बाढ़ पीड़ितों के खातों मे मुआवजे की रकम आ जायेगी.आपको बता दें कि इस साल मध्य प्रदेश में हुई भारी बारिश की वजह से करीब 12 हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है. वहीं करीब 9600 करोड़ रुपए की फसल के खराब होने का भी अनुमान लगाया गया है.