हबीबगंज से हजरत निजामुद्दीन के बीच चलने वाली शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस तीन हफ्ते के भीतर नए रूप रंग में नजर आएगी। दरअसल, इस ट्रेन के एसी कोच से कभी पानी टपकने तो कभी कम कूलिंग की शिकायतें आ रही थीं। इन्हीं शिकायतों को देखते हुए डीआरएम उदय वोरवणकर ने सबसे पहले भोपाल एक्सप्रेस को उत्कृष्ट ट्रेन बनाने के निर्देश हबीबगंज कोचिंग डिपो को दिए हैं, इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देश की 60 ट्रेनों को उत्कृष्ट ट्रेनें बनाने के लिए प्रति ट्रेन 60-60 लाख रुपए का बजट दिया है। उसी से इन ट्रेनों को उत्कृष्ट बनाने का काम शुरू किया गया है। पहले इस ट्रेन के कोच नीले रंग के थे, लेकिन अब ये ऑफ व्हाइट व लाल रंग में नजर आएंगे
इस ट्रेन के हर काेच के टॉयलेट में ऑटाे जीनेटर मशीन लगाई जा रही है। इस मशीन से बदबू रुकेगी और खुशबू फैलेगी। कोच के टॉयलेट में मॉडर्न सोप डिस्पेंसर, दो इंच मोटी ई-पॉक्सी फ्लोरिंग लगाई जाएगी, जिससे लेबेटरी में पानी इकट्ठा नहीं होगा। साथ ही अत्याधुनिक नल लगेंगे, जिनकी फोमिंग टेक्नोलॉजी से पानी का वेस्टेज रुक सकेगा। ट्रेन के हर एसी कोच में बॉयो टॉयलेट एनाउंसमेंट सिस्टम लगाया जा रहा है। हर कोच में फायर इंस्टीग्यूशर लगाए जाएंगे। इन्हें चोरी नहीं किया जा सकेगा और उपयोग करना भी आसान होगा।
इसके अलावा हर कोच के दरवाजे पर ग्रीन ग्रास मेटिंग लगाई जाएगी। इसकी वजह से बाहर का कचरा, धूल व कीचड़ आदि कोच के भीतर नहीं जा सकेगा। साथ ही कोच में भी गंदगी नहीं होगी। हर कोच में सूचनाएं देने के लिए एल्यूमिनियम के अल्ट्रा वॉयलेट यूनिफाइड नोटिंग बोर्ड लगाए जाएंगे। यात्री इन पर आसानी से कोई भी सूचना या जानकारी पढ़ सकेंगे।
ट्रेन के हर कोच में लगाए जाने वाले पोस्टर, बोर्ड पर क्यू आर कोड लगाया जाएगा। इन पोस्टरों पर एतिहासिक व पुरातात्विक स्थलों आदि की जानकारी फोटो सहित रहेगी। कोई यात्री यदि इनके बारे में विस्तृत जानकारी लेना चाहे, तो वह क्यू आर कोड को मोबाइल से स्कैन कर आसानी से प्राप्त कर सकेगा।