उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बाढ़ पीड़ितों के मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शिवराज आए दिन राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं, उन्हें यह छोड़कर केंद्र सरकार से प्रदेश के बाढ़ पीड़ितों को मदद दिलवाना चाहिए। पटवारी मंगलवार को यहां मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र से राज्य को मदद नहीं मिलती है तो मैं शिवराज के बंगले के सामने धरने पर बैठ जाऊंगा।
पटवारी ने कहा कि भाजपा यह गलत प्रचारित कर रही है कि बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला। मैं दावे के साथ कहता हूं कि मेरे प्रभार वाले जिले शाजापुर में 5 दिन के भीतर 5 करोड़ की राहत राशि बांटी गई। पटवारी ने कहा कि सरकार अपने संसाधनों से बाढ़ पीड़ितों की भरपूर मदद कर रही है, लेकिन भाजपा सिर्फ राजनीति कर रही है। अगर वास्तव में उसकी बाढ़ पीड़ितों और किसानों की मदद करने की इच्छा होती तो केंद्र से राहत राशि दिलाने का आग्रह करती। शिवराज तो मुख्यमंत्री रहते केंद्र से मदद न मिलने पर तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ जाते थे, अब धरने पर क्यों नहीं बैठ रहे हैं। पूरी कांग्रेस पार्टी उनके साथ धरने पर बैठने को तैयार है। पटवारी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने विदिशा स्थित उनके आवास का बिजली बिल लंबे समय से नहीं भरा, जब यह सार्वजनिक हो गया तो उन्होंने 1 लाख 22 हजार रुपए का बिल भरवा दिया। इस मामले में चौहान का नामांकन निरस्त होना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बतौर सांसद वे 2005 तक विदिशा के जिस घर में रहे, तब तक के वहां के सारे ड्यूस क्लियर थे। वर्ष 2005 से वे 6 श्यामला हिल्स भोपाल में बतौर मुख्यमंत्री 2018 तक रहे। चूंकि उस मकान में अब एक कार्यालय चलता है। स्टाफ के द्वारा विगत कुछ दिनों से बिजली बिल नहीं भरा गया, लेकिन जैसे ही ये जानकारी संज्ञान में आई, बिजली का बिल भर दिया गया है। कर्जमाफी समेत अन्य मांगाें काे लेकर नसरुल्लागंज में धरने पर बैठे शिवराज सिंह ने मंगलवार काे धरना समाप्त कर िदया। शिवराज ने कहा कि वचन पत्र में किए वादे पूरे नहीं हुए तो प्रदेश में क्रांतिकारी सविनय अवज्ञा अांदाेलन होगा।
सीएम कमलनाथ के दौरे के अगले ही दिन मंगलवार को रामपुरा पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने मंच से ही कैबिनेट मंत्रियों को आदेश दे ही डाले। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट से कहा, स्वास्थ्य विभाग की टीम 2 सप्ताह और यहीं रहने दो। वहीं राजस्व मंत्री गोविंदसिंह राजपूत से कहा कि पीड़ितों को राहत जल्द जारी कराएं। दोबारा सर्वे भी हो, मैं इस सर्वे से संतुष्ट नहीं हूं। इस पर दोनों मंत्रियों ने गर्दन हिलाकर हामी भरी। गौरतलब है कि दोनों मंत्री सिंधिया खेमे से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि सिंधिया बाढ़, अतिवृष्टि प्रभावितों से मिलने कैंप में नहीं गए। कुछ लोगों को राहत सामग्री देने के बाद मंदसौर जिले के लिए निकल गए।