हिमाचल में जल्द मानवाधिकार आयोग का गठन किया जाएगा। हाईकोर्ट की ओर से कड़े आदेश पारित होने के बाद राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने अदालत के समक्ष बयान दिया कि राज्य में आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के बारे में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सूचित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि वह लोकायुक्त की नियुक्ति के बारे में भी अदालत को अवगत करवाए। प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति किए जाने के बारे में सरकार ने चार माह का समय मांगा है।
इस मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए थे कि वह एक सप्ताह में अदालत को बताए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार राज्य में मानवाधिकार आयोग की स्थापना क्यों नहीं हुई। कोर्ट के समक्ष दायर जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि आयोग वर्ष 2005 से कार्य नहीं कर रहा है। सरकार ने इसमें जरूरी पदों पर नियुक्तियां नहीं की, जबकि पिछले 15 सालों में तीन बार सरकारें बदल चुकी हैं, जिससे लोगों के अधिकारों का हनन होने की स्थिति में उनको तुरंत न्याय दिलवाने के लिए कोई उपयुक्त फोरम नहीं है। इसी तरह लोकायुक्त का भी गठन नहीं किया है। इस मामले की आगामी सुनवाई मार्च 2020 में निर्धारित की गई है।