इंदौर का स्वच्छता मॉडल देश-विदेश में मशहूर हो गया है। अब तक नगर निगम इसे ब्रान्डिंग के लिए मुफ्त में दिखाता था। अब देखने आने वालाें की संख्या बढ़ने से आ रही समस्या को देखते हुए फीस वसूलना शुरू कर दी है। सफाई मॉडल को देखने के लिए अब हर व्यक्ति को 7 हजार रुपए चुकाने होंगे। हाल ही में हुडको का तीन प्रदेशों वाला दल मॉडल देखने आया था, इंदौर नगर निगम ने उनसे 1.33 लाख रु. कमा लिए।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और निकायों को स्वच्छता के लिए इंदौर मॉडल को सीखने की नसीहत दी है। इसका नतीजा ये है कि जिस भी शहर में स्वच्छता का काम शुरू होता है, वह एक टीम इंदौर भेज देता है। इसमें अफसरों का काफी समय, पैसा खर्च हो रहा था। कई बार यह भी हुआ कि टीमें अचानक आ गई और निगम अफसरों को दूसरे तय कार्यक्रम निरस्त करने पड़े। अब स्वच्छता सर्वे शुरू ही होने वाला है, ऐसे में अफसर इस ट्रेनिंग कार्यक्रम को शेड्यूल के साथ ही चलाना चाहते हैं, लिहाजा फीस वसूली शुरू की गई है। इसका असर ये है
कि जो वाकई में कुछ सीखना चाहते हैं, वे ही इंदौर आ रहे हैं। इनसे समन्वय की जिम्मेदारी अपर आयुक्त रजनीश कसेरा को सौंपी है।प्रेजेंटेशन से इंदौर के पूरे सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी खजराना गणेश मंदिर का फूल-पत्तियों से खाद बनाने का मॉडल स्टार चौराहे स्थित कचरा ट्रांसफर स्टेशन का दौरा चोइथराम मंडी स्थित बॉयो मीथेन गैस प्लांट का भ्रमण ट्रेंचिंग ग्राउंड का दौरा परमाणु नगर, लोकमान्य नगर जैसी जीरो वेस्ट कॉलोनियों का भ्रमण डोर-टू-डोर कचरा वाहनों की लाइव और कंट्रोल रूम विजिटसराफा चौपाटी पर रात का स्वच्छता मॉडल
हुडको का एक दल पश्चिम बंगाल, केरल और मध्य प्रदेश के 19 सदस्यों को लेकर सफाई देखने आया और उसने 1.33 लाख रुपए जमा कराए। निगमायुक्त आशीष सिंह ने बताया कि दल ने 22 नवंबर को ही एडवांस फीस दे दी थी। दल में शामिल विजया वासु ने कहा, यहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में बढ़िया काम हुआ है। सेकमत दत्ता ने कहा, 2015 के पहले इंदौर में हालत बहुत खराब थी, पर अब शहर साफ-सुथरा हो गया है