भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी के बीच बुधवार को हिमाचल के पहाड़ बर्फ से लकदक हो गए। शिमला जिले में सीजन की पहला हिमपात हुआ। जुब्बल, नारकंडा और खड़ापत्थर में बर्फ की चादर बिछ गई। जुब्बल, नारकंडा और खड़ापत्थर में बर्फ की चादर बिछ गई। राजधानी से सटे पर्यटन स्थल कुफरी में भी फाहे गिरे हैं। बर्फबारी के चलते बुधवार को प्रदेश में दो नेशनल हाईवे सहित छोटी-बड़ी 150 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। किन्नौर, लाहौल और चंबा में सौ से ज्यादा बिजली के ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं।
किन्नौर जिले में भी नवंबर के अंत में अधिक बर्फबारी रिकॉर्ड हुई है। छितकुल में दो और रिकांगपिओ में एक फीट से ज्यादा बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा में 45, कल्पा में 32, खदराला में 30 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज हुई। औट-बंजार-सैंज हाईवे पर एचआरटीसी की दो बसें फंस गई हैं। भुंतर और शिमला हवाई अड्डे से बुधवार को उड़ानें भी नहीं हो सकीं। किन्नौर जिलों में बर्फबारी के चलते प्रशासन ने बुधवार को स्कूलों में छुट्टी कर दी।
गुरुवार को शिक्षण संस्थान खुले रहेंगे। शिमला में दोपहर तक बूंदाबांदी के बीच दिन भर बर्फीली हवाएं चलीं। प्रदेश का अधिकतम तापमान में 5 से 6 डिग्री कम हो गया। कई इलाकों में पानी के पाइप जम गए।
गुरुवार को भी प्रदेश के आठ जिलों में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। शुक्रवार से हिमाचल में मौसम साफ होने के आसार जताए गए हैं। जिला मुख्यालय रिकांगपिओ से काजा की ओर वाहनों की आवाजाही बुधवार दिन भर बंद रही।
जिले के करीब 20 रूटों में निगम की बसें फंसी हुई हैं। आनी के जलोड़ी जोत पर करीब दस इंच ताजा बर्फबारी से एनएच 305 और एनएच-5 पूह-काजा की ओर बंद है।शिमला जिला के रोहड़ू रोड पर खड़ापत्थर में दो इंच और डोडरा क्वार रोड पर चांशल घाटी में एक फीट तक बर्फबारी हुई है। चंबा जिला के कबायली क्षेत्र पांगी और भरमौर की ऊपरी चोटियों में भी दोपहर बाद बर्फबारी हुई। मनाली के पर्यटन स्थल भी बर्फ से लकदक हो गए हैं। गुलाबा, कोठी के साथ सोलंगनाला तथा फातरू में भी ताजा बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा फिर से यातायात के लिए बंद हो गया है। दर्रा के बंद होने से कुल्लू डिपो की दो बसें बाह्य सराज में फंस गई है। प्रशासन ने सैलानियों व आम लोगों को अलर्ट किया है