भोपाल| मामूली लाइसेंस फीस के साथ शराब की उप दुकानें खोलने की आबकारी विभाग की अधिसूचना पर सियासत गरमा गई है। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर सरकार पर नए साल में शराब माफिया को तोहफा देने का आरोप लगाया तो कमलनाथ ने भी संबंधित नीति पर विस्तृत बयान जारी कर शिवराज पर कड़ा पलटवार किया। कहा- नई नीति से प्रदेश में शराब की नई दुकान नहीं खुलेगीं।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान में कहा कि शिवराज ने नई नीति का अध्ययन किए बिना ही पत्र लिख दिया। कहा- इस नीति से 2000 से 2500 नई शराब दुकानें खुलेंगी। यह आधानहीन बयान है। इस नीति के कारण कोई नई दुकान नहीं खुल रही है, वरन मूल दुकान का लाइसेंसी यदि चाहे तो कुछ शर्तों के अधीन मूल दुकान के साथ उसकी उप दुकान खोल सकता है। इससे आबकारी अपराधों पर रोक लगेगी। शिवराज आरोप लगा रहे हैं कि उनके शासन में नई शराब दुकान नहीं खुली। यह पूरी तरह गलत है। 2003-04 में 2221 शराब दुकानें थीं, जो 2010-11 में 2770 हुईं। विदेशी 581 से बढ़कर 916 हुईं। इस प्रकार तब कांग्रेस शासन में कुल 2792 दुकानें थीं, जो 7 साल में बढ़कर 3683 हो गई थीं। उन्होंने कहा कि मप्र में जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के अाधार पर भाजपा शासित राज्य उत्तरप्रदेश की तुलना में शराब की दुकानों की संख्या अत्यंत कम हैं। जहां मप्र में जनसंख्या एवं क्षेत्रफल के अाधार पर प्रति एक लाख की जनसंख्या पर मात्र 5 शराब की दुकानें हैं, वहीं यूपी में यह संख्या 12 है। मप्र में प्रति एक हजार वर्ग किमी पर शराब की दुकानों की संख्या 12 है, जबकि यूपी में 41 है।
नाथ ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में दुकान तब ही खोली जा सकती है, जब दो शराब की मूल दुकानों के बीच न्यूनतम 10 किमी की दूरी हो। शहरी क्षेत्र में यह दूरी 5 किमी होना चाहिए। इस प्रकार नगरीय क्षेत्र में उप दुकान खुलने की संभावना कम है और ग्रामीण में सीमित। उप दुकानें सरकार नहीं खोल रही, यह कारोबारी पर निर्भर है, जो अतिरिक्त फीस देकर उप दुकान खोल सकता है।
इधर, आबकारी विभाग की उप दुकानें खोलने की नीति पर शिवराज ने कमलनाथ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने कहा कि इस फैसले से करीब 2000 से 2500 हजार शराब दुकानें खुल जाएंगी। सरकार ने आम नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कुशलता को दरकिनार कर शराब माफिया को नए साल में तोहफा दिया है। इससे मप्र मदिरा प्रदेश बन जाएगा। उन्होंने यह भी लिखा है कि भाजपा सरकार ने एक भी नई दुकानें नहीं खोलीं। यह नीति बनाई थी कि धीरे-धीरे शराब की दुकान कम हो जाएं। आपके (कमलनाथ) निर्णय से महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में वृद्धि होगी। राज्य मदिरा प्रदेश बन जाएगा।
शराब पर सरकार के फैसले को लेकर पूरी भाजपा विरोध में आ गई है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा- कांग्रेस ने वचनपत्र में कहा था कि शराब मुक्त प्रदेश बनाएंगे, लेकिन ‘शराब युक्त’ बना दिया है। फैसला वापस नहीं लिया गया, मैं सीएम निवास के सामने धरना दूंगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि कमलनाथ बुजुर्गों का राशन घर भेजने वाले थे, घर-घर शराब परोसने में लग गए।