राज्यसभा भेजे जाने और प्रदेश अध्यक्ष बनाने की अटकलों के बीच पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को भोपाल पहुंचे। रात में उन्होंने राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के निवास पर डिनर किया। शुक्रवार को सुबह सिंधिया मंत्री सुखदेव पांसे के घर जाकर मिले। यहां से वह सीधे प्रदेश कांग्रेस दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे मिलने के लिए उनके समर्थक उमड़े। बढ़ती भीड़ ने सिंधिया से मिलने के लिए हंगामा कर दिया और पीसीसी दफ्तर में दूसरी मंजिल की मीटिंग हॉल का एक गेट भी टूट गया
इससे पहले सिंधिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक कैरियर में किसी भी पद को लेने की चाहत नहीं की है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बनाने या राज्यसभा भेजने की अटकलों से भी इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री कमलनाथ से न मिलने की बात पर उन्होंने कहा- हर बार जरूरी नहीं है कि मुख्यमंत्री से मिला जाए। छपाक फिल्म को टैक्स फ्री करने और तान्हाजी को टैक्स फ्री करने की मांग पर उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक संदेश देने वाली फिल्में अच्छी होती हैं, लेकिन टैक्स फ्री करने का फैसला सरकार को लेना है।
सिंधिया के डिनर में मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं पहुंचे। वहीं आरिफ अकील, सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, तरुण भनोत, पीसी शर्मा भी नजर नहीं आए। डिनर में पहुंचे मंत्रियों ने कहा कि इसको शक्ति प्रदर्शन से जोड़ कर देखना ठीक नहीं। पहले भी इस तरह के आयोजन होते रहे हैं। गोविंद सिंह ने कहा कि हर चीज में राजनीति नहीं देखना चाहिए। महेंद्र सिसोदिया ने कहा कि उनके कद के आगे सभी पद छोटे हैं। फैसला आलाकमान को करना है।
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस विधायकों को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए तैयारी करने के लिए कहा है। सीएम हाउस में विधायकों से चर्चा में उन्होंने यह बात कही। वहां औपचारिक रूप से बैठक तो नहीं हुई, लेकिन सीएम ने लंच के दौरान ही विधायकों से बातचीत की। उन्हें सार्वजनिक बयानबाजी से बच कर रहने को कहा।