आपको कैश की जरूरत होती है तो आप क्या करते हैं? जाहिर है करोड़ों लोगों की तरह आप भी नजदीकी एटीएम जाकर कैश निकालते होंगे. आजकल एटीएम जाकर अपने कार्ड से कैश निकालना जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन क्या आपको पता है कि एटीएम जाकर कैश निकालने वालों पर कुछ ऐसे लोगों की भी नजरें बनी हुई है जो एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर एटीएम कार्डधारक को लाखों का चूना लगा रहे हैं.
ऐसे ही एक विदेशी मूल के शातिर अपराधी को भोपाल पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने बैंगलुरु से गिरफ्तार किया है, जिसने भोपाल निवासी एक शख्स का एटीएम कार्ड क्लोन कर उसके खाते से रकम निकाल ली थी. पुलिस के अनुसार मामला 12 नवंबर 2019 का है, जब फरियादी ने एफआईआर दर्ज करवाई थी कि उसके बैंक खाते से अज्ञात व्यक्ति ने रुपये निकाले हैं.
पुलिस ने जांच में पाया कि कुछ दिन पहले फरियादी कैश निकालने के लिए भोपाल के कटारा हिल्स स्थित अमलतास के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एटीएम गया था. वहां एटीएम मशीन में स्किमर लगा हुआ था, जिससे फरियादी का एटीएम कार्ड क्लोन हुआ था. साइबर पुलिस को इस दौरान दो विदेशी नागरिकों की जानकारी मिली, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था.
साइबर पुलिस ने आरोपियों पर सर्विलांस के जरिए नजर रखनी शुरू की. पुलिस ने पाया कि अपराधी बेहद शातिर किस्म के हैं जो बेहद हाईटेक तरीके से वारदात को अंजाम देते हैं और लगातार अपनी लोकेशन अलग-अलग राज्यों में बदलते रहते हैं. पुलिस ने इन पर नजर रखनी शुरू की और आखिरकार इनको बैंगलुरु में चिन्हित कर लिया गया.
13 जनवरी 2020 को साइबर क्राइम टीम ने बैंगलुरु से युगांडा निवासी मुकासा एंड्रू को गिरफ्तार कर लिया. इसके पास से 3 मोबाइल, भोपाल में क्लोन किए गए कार्ड वाले खाते की चेकबुक और एक लैपटॉप जब्त किया गया है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने बैंगलुरु से भोपाल आकर एटीएम कार्ड क्लोन किया और वापस बैंगलुरु चला आया था. आरोपी ने कबूल किया है कि एटीएम कार्ड क्लोन करने के बाद वो मशीन को तोड़ देता था ताकि पकड़ा न जा सके. इसके अलावा डुप्लीकेट कार्ड से पैसे निकालने के बाद वो उसे भी तोड़ देता था. साइबर क्राइम ब्रांच ने आरोपी को भोपाल लाकर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर भेजा गया है.