महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने एक बयान में पाथरी गांव को साईं बाबा का जन्म स्थान बताया था, जिसके बाद से ही शिरडी के निवासियों में आक्रोश है. इसी को लेकर रविवार से शिरडी में होटल, आश्रमों समेत दुकानों को बंद करने का ऐलान किया गया है. शिरडी निवासी सभी होटल, दुकान, चाय की दुकानों सहित सब कुछ बंद रखने वाले हैं. मंदिर में कोई भी जाकर दर्शन कर सकता हैं. मंदिर खुला रहेगा. यानी मंदिर में दर्शन तो कर सकते हैं लेकिन ना तो रहने, खाने की सुविधा मिलेगी और ना पूजा-पाठ से जुड़ा सामान.
दरअसल पिछले दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि परभणी जिले के नजदीक पाथरी गांव में जिस जगह पर साईं बाबा का जन्म हुआ था, वहां 100 करोड़ रुपए का विकास काम करेंगे और पाथरी गांव में इस प्रोजेक्ट को अमल में लाया जाएगा. मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद कथित तौर पर साईं बाबा के जन्म स्थान गांव पाथरी के लोग खुशी से झूम उठे और जश्न मनाने लगे. पहले इस जन्म स्थल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरडी में सार्वजनिक किया था.
मुख्यमंत्री ठाकरे के इस बयान के बाद से अहमदनगर जिले के शिरडीवासी आक्रोश में हैं. शिरडी निवासियों का कहना है कि जब तक सरकार यह स्पष्ट नहीं कह देती कि पाथरी में जन्म स्थान होने के कारण यह विकास कार्य नहीं किया जा रहा है, तब तक शिरडी शहर अनिश्चितकालीन के लिए बंद होगा. शिरडी में बैठकों का दौर चल रहा है और रणनीति बनाई जा रही कि इसका विरोध कैसे करें.
बंद के इस फैसले को अमल में लाने के लिए और आखिरी चर्चा करने के लिए शनिवार शाम को शिरडी ग्राम समाज की तरफ से एक बैठक आयोजित की गई है. इसके अलावा शुक्रवार के दिन शिरडी के मुख्य पदाधिकारी और स्थानीय निवासियों के साथ चर्चा की गई. इस बंद में शहरी भाग से लेकर ग्रामीण भाग के सभी लोग शामिल हों, इसका प्रयास किया जा रहा है. शिरडी आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत ना हो इसलिए 2 दिन पहले ही शिरडी बंद का संदेश पूरे देशभर में दिया जा रहा है.