मौनी अमावस्या के दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान किया जा सकता है, लेकिन जो भक्त त्रिवेणी के संगम में स्नान करते हैं उन्हें सौ हजार राजसूय यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है. इस दिन संगम में स्नान करना और अश्वमेघ यज्ञ करना दोनों के फल समान है. इस बार मौनी अमावस्या 24 जनवरी, शुक्रवार को पड़ रही है. लेकिन ज्योतिर्विदों की मानें तो जो लोग इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर स्नान और दान नहीं कर पाते उन्हें घर में ही गंगा जल मिले पानी से स्नान करके दान करना चाहिए. ऐसा करने से भी मौनी अमावस्या का शुभ फल मिलता है.
पितृ दोष की शांति के लिए उपाय
किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करें
स्नान के दौरान आठ या नौ डुबकी लगायें
तिल मिले हुए जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें
पितरों के लिए प्रार्थना करें
किसी निर्धन व्यक्ति को अन्न और वस्त्र का दान करे
मौनी अमावस्या के खास प्रयोग
मुक्ति और मोक्ष के लिए गौ दान करें
आर्थिक समृद्धि के लिए भूमि दान करें
ग्रह- नक्षत्र की बाधा से मुक्ति के लिए काले तिलों का दान करें
रोग और कर्ज से मुक्ति के लिए सोने का दान करें
पारिवारिक जीवन की खुशहाली के लिए पात्र सहित घी का दान करें
किसी भी प्रकार की बाधा से मुक्ति के लिए नमक का दान करें
वंश वृद्धि और संतान की उन्नति के लिए चांदी का दान करें
मौनी अमावस्या के दिन अगर पूरे दिन का मौन संभंव न हो तो कुछ घंटों के मौन का संकल्प लें. इससे आपको गहरी मानसिक शांति और प्रसन्नता मिलेगी.