Home धर्म/ज्योतिष जानें कब है बसंत पंचमी इस विधि से करें मां सरस्वती को...

जानें कब है बसंत पंचमी इस विधि से करें मां सरस्वती को प्रसन्न…

11
0
SHARE

बसंत पंचमी हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन यानि पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन मां सरस्वती की आराधना की जाती है. भारत के आलावा यह पर्व बांग्लादेश और नेपाल में भी बड़े उल्लास से मनाया जाता है. बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवे दिन भगवान विष्णु और कामदेव की पूजा की जाती है. इस वजह से इसे बसंत पंचमी कहते हैं. बसंत पंचमी को श्रीपंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. बसंत पंचमी के दिन को देवी सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं. इस बार बसंत पंचमी 29 जनवरी को है.

1 जिन लोगों को एकाग्रता की समस्या हो, उन्हें प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ जरूर करना चाहिए.

2 मां सरस्वती के चित्र की स्थापना करें. चित्र की स्थापना पढ़ने के स्थान पर करना श्रेष्ठ होगा.

3 मां सरस्वती का बीज मंत्र (ऐं) को केसर गंगाजल से लिखकर दीवार पर लगा सकते हैं.

4 जिन लोगों को सुनने या बोलने की समस्या है वो लोग सोने या पीतल के चौकोर टुकड़े पर मां सरस्वती के बीज मंत्र “ऐं” को लिखकर धारण कर सकते हैं.

5 अगर संगीत या वाणी से लाभ लेना है तो केसर अभिमंत्रित करके जीभ पर “ऐं” लिखवाएं. किसी धार्मिक व्यक्ति या माता से लिखवाना अच्छा होगा.

कैसे करें मां सरस्वती की उपासना?

1 इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें.  पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें

2 मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें.

3 मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें.

4 केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा.

5 मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप हल्दी की माला से करना सर्वोत्तम होगा.

6 काले, नीले कपड़ों का प्रयोग पूजन में भूलकर भी ना करें.शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here