राजाभोज एयरपोर्ट पर रविवार शाम उत्पात मचाने वाले योगेश त्रिपाठी ने गांधी नगर के नए थाना प्रभारी विजय सिंह सेंगर के हाथ में दांत से काट लिया। सिपाही भोजराज की वर्दी भी फाड़ दी। पुलिस मेडिकल चैकअप कराने के लिए उसे लेकर हमीदिया पहुंची तो भी योगेश ने हंगामा मचाया। पुलिस ने समझाया तो गाली-गलौज करने लगा। इधर, 3 दिन बीत जाने के बाद भी एयरपोर्ट अथॉरिटी और सीआईएसएफ के अफसर इस मामले में बरती गई लापरवाही की जिम्मेदारी तय नहीं कर पाई है।
योगेश 5 दिन तक गांधी नगर पुलिस की रिमांड पर है। मंगलवार सुबह 10 बजे उसने गुस्सा करना शुरू कर दिया। अपना सिर दीवार पर मारा तो पुलिस उसे हमीदिया अस्पताल ले गई। यहां उसके हाथ-पैर स्ट्रेचर से बांध दिए। योगेश के साथ उसकी मां और बहन भी अस्पताल पहुंचीं। बेटे को इस हाल में देखकर दोनों की आंखें नम हो गईं।
पुलिस ने मंगलवार सुबह उसकी मन:स्थिति जानने के मकसद से कोरे कागज पर कुछ लिखने के लिए कहा। योगेश ने पहले तो आनाकानी की फिर पेन उठाकर लिखना शुरू कर दिया। लिखा- सुबह हो गई है, गुड मॉर्निंग। मैं समझ गया हूं, आप लोग मुझे कहीं लेकर जाने वाले हैं। आदेश का पालन होगा। सोमवार को उसने लिखा था एवरीथिंग इज गुड, सब ठीक हो रहा है।
स्टेट हैंगर के गेट पर तैनात एसएएफ के सिपाही संजय यादव से उसने कहा कि मैं इंटरव्यू देने आया हूं, मेरी ट्रेनिंग चल रही है। जवानों जैसी वेशभूषा देखकर सिपाही उसके झांसे में आ गया और उसे एंट्री दे दी। इसी लापरवाही पर संजय को सस्पेंड कर दिया गया है। गांधी नगर थाना प्रभारी तरुण भाटी के लाइन अटैच होने के बाद नवागत सब इंस्पेक्टर विजय सिंह सेंगर ने बतौर थाना प्रभारी आमद दे दी है।
इस मामले में एयरपोर्ट अथॉरिटी किसी की जिम्मेदारी तय नहीं कर पाई है। इतना सब होने के बाद भी एयरपोर्ट डायरेक्टर अनिल विक्रम जवाबदारी से बचते रहे। भास्कर के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी इस मुद्दे पर बात करना ठीक नहीं है। एक-दो महीने बीत जाएं तब बात कर सकते हैं। ये हाल तब हैं, जब तीन महीने पहले एयरपोर्ट परिसर से 30 कैट आई चोरी हो गई थीं। संभागायुक्त की बैठक में भी एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ाने का मुद्दा उठ चुका है। इस बीच दो दिन से सुरक्षा व्यवस्था में खामियां तलाश रहे जीएम सिक्योरिटी कैप्टन सुधीर कुमार मलिक ने मंगलवार को भी निरीक्षण किया।
डीजीपी विजय कुमार सिंह का कहना है कि एडीजी इंटेलीजेंस और आईजी भोपाल से स्टेट हैंगर की सुरक्षा व्यवस्था व पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है। जानकारी चाही गई है कि सुरक्षा में चूक कैसे हुई। चूक के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है। इधर, योगेश के दोस्त और इंस्टीट्यूट ऑफ साॅफ्टवेयर टेक्नालॉजी (आईएसटी) के डायरेक्टर शिवनाथ बिल्लाेरे ने बताया कि याेगेश का व्यवहार भी दूसरे बच्चाें की भांति ही सामान्य था। वह पढ़ाई में औसत था।