हिंदू पंचांग में चैत्र महीने में आने वाली पूर्णिमा का बड़ा महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु के उपासक भगवान सत्यनारायण की पूजा कर उनकी कृपा पाने के लिए भी पूर्णिमा का उपवास रखते हैं. इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा 08 अप्रैल यानी बुधवार को पड़ रही है, हालांकि इसका उपवास 7 अप्रैल से किया जा रहा है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज नगरी में रास उत्सव रचाया था. इस रास उत्सव को महारास के नाम से जाना जाता है. ऐसी भी मान्यताएं हैं कि इस प्रभु श्रीराम भक्त हनुमान का जन्म भी हुआ था. चैत्र पूर्णिमा के साथ ही वैशाख महीना का आगमन हो जाता है.
इस साल चैत्र पूर्णिमा का उपवास 7 अप्रैल यानी आज है. चैत्र पूर्णिमा पर पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 2 मिनट से अगले दिन सुबह 8 बजकर 6 मिनट तक रहेगा. इस दिन सुबह के वक्त स्नान कर भगवान विष्णु के दर्शन के लिए भक्त मंदिर जाते हैं. हालांकि इस वर्ष कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन रहते हुए घर में उनका स्मृण करना उचित होगा.
पूर्णिमा के सुबह के दिन स्नान-दान, हवन, चप- तप और व्रत का बहुत महत्व है. इस दिन हनुमान जयंती होने की वजह से पूर्णिमा की पूजा करना अत्यंत फलदायी है. इसके बाद सूर्य देव की पूजा करें और उनका मंत्र जाप करें. रात के वक्त चंद्र देव का भी विधि से पूजन करने का विधान है.