मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 अप्रैल को लाॅकडाउन खत्म होने के बाद मंत्रिमंडल गठन के संकेत दिए हैं। ऐसे में भाजपा के सामने चुनौती ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों के साथ अपनों को एडजस्ट करने की है। इसे लेकर चौहान और संगठन के बीच चर्चा का दौर जारी है।
सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल में 24 से 26 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके लिए भी दिल्ली से सहमति से लेना होगी, जिनमें सिंधिया समर्थक 8 से 10 लोगों की दावेदारी पक्की है, इस स्थिति में भाजपा को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए अपने विधायकों का चयन करना मुश्किल होगा। सिंधिया समर्थक पूर्व कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, इसलिए शिवराज मंत्रिमंडल में भी उनका ओहदा वही होगा। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कद्दावरों में तुलसी सिलावट इंदौर जिले की सांवेर सीट से आते हैं,
लेकिन इंदौर जिले से ही ऊषा ठाकुर, महेंद्र हार्डिया एवं रमेश मेंदोला के नाम प्रस्तावित है, जबकि मंत्री सिर्फ दो ही बनाए जाना है। इसी तरह से गोविंद सिंह राजपूत का नाम कैबिनेट मंत्री के लिए प्रस्तावित है, लेकिन सागर जिले से भूपेंद्र सिंह और गोपाल भार्गव का मंत्री बनाया जाना है। ऐसे में दावेदार तीन और मंत्री सिर्फ दो बनना है।