ग्वालियर-चंबल संभाग में मंगलवार को 6 लोग कोरोना संक्रमण के शिकार मिले। इनमें चार ग्वालियर के अलावा एक-एक मुरैना और श्योपुर का मरीज शामिल है।
यहां पहली बार तीन महिलाएं भी संक्रमण की चपेट में आईं हैं। इनमें एक तो जेएएच के ट्रॉमा सेंटर की नर्स है। इन सभी को जेएएच के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। दस दिन से संक्रमण के मामलों में राहत महसूस रहे ग्वालियर में एक ही दिन में इतने मरीज मिलने से प्रशासन हरकत में आ गया है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह जिले भर में घर-घर सर्वे करने के निर्देश दिए हैं।
शहर में 14 दिन बाद एकसाथ कोरोना के चार पॉजिटिव मरीज मिलने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। 24 मार्च को चेतकपुरी निवासी अभिषेक मिश्रा की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से शहर में एक भी मरीज सामने नहीं आया था,
लेकिन मंगलवार को एकसाथ शहर के चारों कोनों चंद्रबदनी नाका, खासगी बाजार, गांधी रोड और आम खो क्षेत्र में मरीज सामने आने से चिंता बढ़ गई है। प्रशासन ने सभी चारों इलाकों को लॉक करते हुए सभी तरह आवाजाही की पाबंदी लगा दी। अभी तक जिले में छह मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें अभिषेक मिश्रा स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं, जबकि 28 मार्च को पॉजिटिव पाए गए बीएसएफ के अफसर अशोक कुमार की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
(जोहरा खान (20) सत्यदेव नगर, गांधी नगर) जोहरा खान का भाई गत 17 फरवरी को दुबई से लौटा था। वह खुद उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में अपने रिश्तेदार के घर गई थी। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद डॉ. स्वेच्छा दंडौतिया के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम जोहरा के घर पहुंची,
लेकिन परिजन ने यह नहीं बताया कि सहारपुर से लौटने के बाद उनके घर कोई आया था या वह कहीं बाहर तो नहीं गए थे। डॉक्टरों और पुलिस के अधिकारियों को जोहरा खान द्वारा बताई कहानी गले नहीं उतर रही है। उनको लग रहा है कि जोहरा और उसके परिजन कोई बात छुपा रहे हैं। जोहरा को शाम को एंबुलेंस से सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती शिफ्ट कर दिया गया है।
(बीता वर्मा (55) ढोली बुवा का पुल खासगी बाजार) बबीता वर्मा को दो दिन पहले खाना खाते समय खांसी होने लगी तो उन्होंने जेएएच में दिखाया। डॉक्टरों ने उनका सैपल ले लिया। मंगलवाल को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई लेकिन वह सामान्य हैं।
घर में उनके पति वीरेंद्र वर्मा, बेटा मोहित और बड़ा बेटा व उसकी पत्नी हैं। बबीता का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में न तो उनके घर से कोई शहर से बाहर गया और न बाहर से आया। वह सिर्फ मोहल्ले में आने वाले सब्जी ठेले वाले से सब्जी लेने जाती थीं। इसके अलावा बेटा मोहित दूध वाले से दूध लेने और किराना का सामान लेने गया था। बबीता को एक दिन पहले केडीजे हॉस्पिटल ले जाया गया था, जहां से मंगलवार को उन्हें सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया
(लता प्रभारी (33) नर्स विजयनगर आमखो) मूलत: इंदाैर की रहने वाली लता पुत्री लखन प्रभारी 4 अप्रैल को ही साथी नर्स अश्विनी प्रजापति के साथ इंदौर से लौटी थी। लता ने अगले ही दिन ट्रॉमा सेंटर में ड्यूटी शुरू कर दी। शाम को उसे बुखार आ गया, लेकिन वह 6 अप्रैल को सुबह 8 बजे ट्रॉमा सेंटर में ड्यूटी पर पहुंच गई। यहां उसने कोल्ड ओपीडी पहुंचकर अपना सैंपल दिया। इसके बाद वह घर चली गई। लता ने बताया कि इसके बाद से उसने स्वयं को होम क्वारेंटाइन कर लिया था। अब रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल से उसके पास फोन आया है कि एंबुलेंस उसे लेने आ रही है। रात 9 बजे उसे सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। 3 दिन में लता स्टाफ और डॉक्टरों से भी मिली।
(अजय जाटव (18) सिंधिया नगर नाका चंद्रबदनी) अजय महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिले के सांगली में मजदूरी करने गया था। अजय के नाना पूरन जाटव के मुताबिक, वह सात दिन पहले ही ग्वालियर लौटा था। इस बात की जानकारी अजय ने फोन पर हमें दी थी। हमने उससे कह दिया था कि वह घर न आकर थाने चला जाए। हमारा कहना मानकर अजय थाने गया था, जहां से उसे साडा स्थित रामकृष्ण हॉस्पिटल भेज दिया गया। अजय के घर माता-पिता और बहन है। मंगलवार को अजय को रामकृष्ण हॉस्पिटल से सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया है।
ट्रॉमा सेंटर के स्टाफ में संक्रमण का खतरा बढ़ा
स्टाफ नर्स लता प्रभारी ने 5 और 6 अप्रैल को ट्रॉमा सेंटर में सुबह की शिफ्ट में ड्यूटी की थी। इस दौरान उसके संपर्क म