भारत में कोरोना वायरस के मामले 5 हजार के पार चले गए हैं, लगातार बढ़ते केस के बीच अब सवाल है कि क्या लॉकडाउन को बढ़ाया जाएगा. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को इस मसले पर ट्वीट किया और कहा कि केंद्र के द्वारा लॉकडाउन बढ़ाने पर राज्यों से जो सलाह ली जा रही है, वह बिल्कुल सही कदम है. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने गरीबों को हो रही परेशानी पर भी सवाल खड़े कर दिए.
पूर्व वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘जैसा कि मैं लॉकडाउन की वकालत करने वाले पहले लोगों में था, मैं स्वागत करता हूं केंद्र सरकार का जो राज्यों से परामर्श कर रही है कि 14 अप्रैल के बाद लाकडाउन जारी रहना चाहिए या नहीं. उस प्रश्न का उत्तर व्यक्तिगत या क्षेत्रीय हितों पर आधारित नहीं हो सकता है. उत्तर केवल दो संख्याओं द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए – हर दिन पॉजिटिव मामलों में पूर्ण वृद्धि और कुल वृद्धि दर
इसके अलावा पी. चिदंबरम ने लिखा कि दोनों संख्याएं एक सतर्क और रूढ़िवादी दृष्टिकोण अपनाने की ओर इशारा करती हैं. इस बीच उन्होंने फिर दोहराया कि लॉकडाउन की रणनीति में जो चीज गायब है वह गरीबों के हाथों में नकदी, गरीबों के कई वर्ग ऐसे हैं जिन्हें सरकार से एक भी रुपया नहीं मिला है.
पूर्व वित्त मंत्री ने गरीबों को आर्थिक मदद देने की अपील की और कहा कि 23% बेरोजगारी दर और दैनिक मजदूरी या आय पर पड़े असर की वजह से, सरकार को तुरंत गरीबों को संसाधन और प्रतिपूर्ति (नकद देना) देना होगा. सरकार की दयनीय और क्रूर लापरवाह दृष्टिकोण ने गरीबों की कठिनाइयों को बढ़ा दिया है.
गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से लगातार केंद्र सरकार से टेस्ट की संख्या बढ़ाने और गरीबों को आर्थिक मदद पहुंचाने की मांग की जा रही है. बीते दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि सरकार को अपने खर्च में कटौती कर मजदूरों के खाते में सीधी आर्थिक मदद पहुंचानी चाहिए.