भोपाल. राजधानी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 95 हो गई है। करीब 4 लाख लोग घरों में कैद हो गए हैं, लेकिन हैरानी इस बात की है कि प्रशासन को इन इलाकों में कैद ज्यादातर लोगों की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री अब तक प्रशासन के पास नहीं है। इन क्षेत्रों में स्क्रीनिंग और सर्वे का काम भी धीमी गति से चल रहा है।
इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि इन क्षेत्रों के कितने लोग कोरोना संक्रमित होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद भोपाल, इंदौर और उज्जैन को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। अब जरूरी चीजों की होम डिलीवरी जिला प्रशासन को कराने के लिए कहा गया है। इधर, जिले में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक मैसेज पोस्ट, फाॅरवर्ड और लाइक करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
भोपाल जिले में धारा 144 के तहत सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने या शेयर करने पर प्रतिबंध लगाया है। इनमें वॉट्सएप, फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश, चित्र और ऑडियो-वीडियो मैसेज पोस्ट करने, फाॅरवर्ड या लाइक करने पर प्रतिबंध होगा। सोशल मीडिया पर कोई भी व्यक्ति आपत्तिजनक संदेश, चित्रों, ऑडियो और वीडियो मैसेज प्रसारित नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति धार्मिक, सामाजिक, व्यक्तिगत रूप से आपत्तिजनक और अश्लील संदेश नहीं भेजेगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से जिले की सभी राजस्व सीमाओं में आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा।
2100 पुलिसकर्मी शहर के बाहर नहीं जा जाएंगे
2100 से ज्यादा पुलिसकर्मी क्वारैंटाइन किए गए हैं, अब इनके लिए तय किया गया है कि इनमें से कोई न शहर के बाहर जाएगा, न अंदर आने की इजाजत होगी। बुधवार को नए मरीजों में एक पत्रकार भी शामिल है। भोपाल में पांच दिन में संक्रमण के 83 मामले आए। हर रोज औसतन 20 नए मामले सामने आए हैं। इसमें स्वास्थ्य विभाग के 44 कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं। सील किए गए इलाकों में संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, सीएसपी, नगर निगम अपर आयुक्त और पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्युटिव इंजीनियर को इन क्षेत्रों में व्यवस्थाओं के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी है।
गांधी मेडिकल कॉलेज ने कांटेक्ट हिस्ट्री की जानकारी लेने के लिए तीन दिन पहले डॉक्टरों की 40 टीमें बनाईं। उसके बाद एक-एक मरीज से संपर्क कर डॉक्टर पूछ रहे हैं कि पिछले पंद्रह दिनों में आप किन- किन लोगों से मिले। न तो मरीज ठीक से बता पा रहे हैं और न डॉक्टर अभी एक-एक से संपर्क कर सके हैं। इसका नतीजा है कि प्रशासन के पास न तो इस बात का ठीक-ठीक रिकार्ड है कि इन पॉजिटिव मरीजों को संक्रमण कहां से हुआ और न यह पता है कि इन लोगों ने किन्हें संक्रमित कर दिया। अभी हालात ऐसे हैं कि काेराेना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने में तीन से चार दिन का समय लग रहा है।
आसपास के 50 घरों की स्क्रीनिंग के लिए लगाए 400 एएनएम
पॉजिटिव मरीजों के घर के आसपास के मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए 400 एएनएम लगाए गए हैं। यह एएनएम घर-घर जाकर ट्रेवल हिस्ट्री, जुकाम और बुखार सहित अन्य बीमारी की स्थिति और हर घर में मौजूद व्यक्तियों की संख्या और उम्र के आंकड़े जुटा रहे हैं। लेकिन बाग मुगालिया, सिग्नेचर रेसीडेंसी, टीटी नगर, जवाहर चौक, चूना भट्टी, रचना नगर और अन्य क्षेत्रों के लोग बता रहे हैं कि उनके घर पर अब तक कोई सर्वे नहीं हुआ है। ऐसे में पूरे क्षेत्र के लोगों में भय की स्थिति है।
न कोई शहर से बाहर जाएगा, न अंदर आने की होगी इजाजत
भोपाल में लगातार पैर पसार रहे कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने जिले में और सख्ती बरतने का फैसला लिया है। शहर में चैकिंग प्वाइंट बढ़ाने के साथ-साथ आउटर नाकों पर भी आवाजाही पर रोक लगाई जाएगी। अब न कोई शहर में आ सकेगा और न ही किसी को जिले से बाहर जाने की इजाजत होगी। मेडिकल इमरजेंसी और शासकीय कर्मचारियों को भी आवाजाही करने के लिए दस्तावेज दिखाने होंगे। एडीजी भोपाल रेंज उपेंद्र जैन ने बताया कि इसके लिए बेरिकेडिंग बढ़ाई जा रही हैं।
भोपाल के करीब 2100 पुलिसकर्मी जिले की 150 होटल, लॉज, धर्मशालाओं और अन्य भवनों में रुके हैं। एक कमरे में केवल एक ही पुलिसकर्मी को रखा गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का प्रोटोकॉल चलता रहे। हर थाना क्षेत्र में पुलिसकर्मियों के लिए खाना बनवाया जा रहा है। उनके लिए सेनेटाइजर और मास्क की व्यवस्था भी यहीं की जाएगी। अगले आदेश तक उन्हें घर जाने की इजाजत नहीं होगी। एएसपी क्राइम ब्रांच निश्चल झारिया की रिपोर्ट फिलहाल नहीं आई है। हालांकि, पुलिसकर्मियों में बढ़ती कोरोना चेन तोड़ने के मकसद से वह भी सेल्फ आइसोलेशन में चले गए हैं। वह अपने दफ्तर में ही रुक रहे हैं।रीीीी