10 अप्रैल यानी आज गुड फ्राइडे मनाया जा रहा है. इस दिन को पुण्य शुक्रवार भी कहा जाता है.आज का दिन ईसाईयों के लिए बहुत खास होता है. यह ईसाई समुदाय के सबसे प्रमुख त्यौहारों में से एक है. इस दिन को ‘शोक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है.
गुड फ्राइडे के दिन लोग चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं. इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते सारे धार्मिक स्थल बंद हैं. इसलिए लोग घरों में रह कर ही प्रभु यीशु को याद कर रहे हैं. बाइबिल के अनुसार, प्रभु ईसा मसीह ने शुक्रवार के दिन ही अपने जीवन का बलिदान दिया था. इसलिए उनकी याद में गुड फ्राइडे मनाते हैं.
गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं. यही वो दिन था जिस दिन प्रभु ईसा मसीह को तमाम शारीरक यातनाएं देने के बाद सूली पर चढ़ाया गया था.
कहा जाता है कि 2000 साल पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा लोगों को मानवता,एकता और अहिंसा का उपदेश दे रहे थे. उनके उपदेशों से प्रभावित होकर वहां के लोगों ने उन्हें ईश्वर मानना शुरू कर दिया. इस बात से वहां धार्मिक अंधविश्वास फैलाने वाले धर्मगुरु उनसे चिढ़ने लग गए.
लोगों के बीच ईसा की बढ़ती लोकप्रियता वहां के ढोंगी धर्मगुरुओं का अखरने लगी. उन्होंने ईसा की शिकायत रोम के शासक पिलातुस से कर दी. उन्होंने पिलातुस को बताया कि खुद को ईश्वरपुत्र बताने वाला यह युवक पापी होने के साथ ईश्वर राज की बातें भी करता है. शिकायत मिलने के बाद ईसा पर धर्म की अवमानना के साथ राजद्रोह का आरोप लगाया गया.
इसके बाद ईसा को क्रूज पर मत्यु दंड देने का फरमान जारी कर दिया गया. कोड़ें-चाबुक बरसाने और कांटों का ताज पहनाने के बाद कीलों से ठोकते हुए सूली पर लटका दिया गया. बाइबल के अनुसार ईसा को जिस जगह सूली पर चढ़ाया गया था, उसका नाम गोलगोथा है.