भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में अब दाेबारा गैस पीड़िताें का इलाज हाे सकेगा। सरकार ने हॉस्पिटल को कोरोना संक्रमण के इलाज केंद्रों(कोविड सेंटर) की सूची से बाहर कर दिया है।
इदोबारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले कर दिया गया है। स्वास्थ्य आयुक्त फैज अहमद किदवई के आदेश के बाद कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इसे कोविड की सूची से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। सीएम के पास पहुंच रही थीं शिकायतें…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास गैस पीड़ित संगठन और मॉनिटरिंग कमेटी की तरफ से गैस पीड़ितों को इलाज में हो रही परेशानी की शिकायतें पहुंच रही थी।
भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की सदस्य रचना ढींगरा ने हाईकोर्ट में गैस पीड़ितों को इलाज में हो रही परेशानी की एक याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि शहर में तीन मौत जो कोरोना से हुई हैं, वो तीनों गैस पीड़ित हैं। बीएमएचआरसी में इलाज की सुविधा बंद होने से ऐसी स्थिति बनी। सीएम ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक में बीएमएचआरसी को गैस पीड़ितों के लिए दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए थे।
हाईकोर्ट ने पूछा.. गैस पीड़ित मरीजों के लिए क्या हैं इंतजाम
मप्र हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि गैस पीड़ितों के लिए बने बीएमएचआरसी में भर्ती मरीजों के लिए क्या इंतजाम हैं। चीफ जस्टिस एके मित्तल एवं जस्टिस विजय शुक्ला की खंडपीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद नोटिस जारी किए हैं। अगली सुनवाई 21 अप्रैल को होगी। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को ई-मेल के जरिए याचिका और आदेश की कॉपी भेजने के निर्देश भी दिए। लॉकडाउन के बाद जबलपुर हाईकोर्ट में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की गई।
एम्स में 10 बेड ,10 आईसीयू ,10 वेंटिलेटर और 70 बेड कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जा रहा है। हमीदिया अस्पताल में शुरुआत में 20 आईसीयू, 10 वेंटिलेटर 60 बेड आरक्षित किए गए हैं।
चिरायु मेडिकल कॉलेज में 100 वेंटिलेटर, 50 आईसीयू आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा 800 बेड कोरोना पॉजिटिव मरीजाें के लिए हैं।