ऊना। अपने परिवार से दूर रहकर कोरोना पीड़ितों और संदिग्ध मरीजों की सेवा में पुलिस अधिकारी, डॉक्टर और नर्सें एक योद्धा की तरह अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे ही एक कोरोना कर्मवीर पुलिस थाना अंब में तैनात हैं जो पांच माह के बच्चे को घर में छोड़कर कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे हैं।
एसएचओ गौरव भारद्वाज अपने पांच माह के बेटे और परिवार को घर पर छोड़कर कोरोना पीड़ितों की दिन-रात सेवा में जुटे हुए हैं। कोरोना पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने के साथ-साथ एसएचओ गौरव भारद्वाज कोविड-19 के लिए प्रदेश के सबसे संवेदनशील अंब क्षेत्र की पूरी सुरक्षा व्यवस्था का भी जिम्मा संभाले हुए हैं। जिले के रेड जोन एरिया में एसएचओ गौरव भारद्वाज दिन रात सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश में अब तक उपमंडल अंब में 14 कोरोना पॉजिटिव केस समाने आए हैं।
जिस मस्जिद में जमाती ठहरे थे, उक्त क्षेत्र भी पुलिस थाना अंब के अधिकार क्षेत्र में है। कोरोना पीड़ितों को उपचार के लिए अलग-अलग जगहों पर पुलिस की मदद से पहुंचाया गया है। हालांकि, पुलिस प्रशासन की ओर से पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को कोरोना पीड़ितों को ले जाने के लिए पीपीई किट्स का इंतजाम किया गया है लेकिन, कोरोना की महामारी में बिना किसी डर के पुलिस कर्मी कोरोना पीड़ितों व जनता की सेवा में जुटे हुए हैं।
एचएचओ गौरव भारद्वाज 24 मार्च से अपने घर नहीं जा पाए हैं। इंस्पेक्टर गौरव भारद्वाज 15 दिन की पैटरनिटी लीव पर घर गए थे। लेकिन, कोरोना वायरस को लगाए गए कर्फ्यू के शुरू होते ही गौरव भारद्वाज अपनी छुट्टी बीच में छोड़ कर जनता की सेवा में जुट गए। 25 दिनों से अपने परिवार से नहीं मिल पाए हैं। जिला के समस्त एसएचओ में इस समय केवल गौरव भारद्वाज एक ऐसे एसएचओ हैं जिन्होंने एनएसजी से पीसीआईसी कमांडो की ट्रेनिंग की है।