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सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल के 15 हजार अस्थाई शिक्षकों के भविष्य का आज होगा फैसला….

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हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नियुक्त करीब 15 हजार अस्थाई शिक्षकों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाले मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा। सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर दो में इस मामले की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जजमेंट सुनाई जाएगी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में लगी शुक्रवार के कार्यों की लिस्ट में चंद्र मोहन नेगी और अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार के इस मामले को 1503 नंबर पर रखा गया है।

तीस जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए हिमाचल सरकार से एक सप्ताह के भीतर सभी श्रेणियों के शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का ब्योरा देने के आदेश दिए थे। फरवरी में सरकार ने मामले से जुड़ी सारी जानकारी कोर्ट में दे दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर 15 हजार पीटीए, पैट, पैरा और ग्रामीण विद्या उपासकों का भविष्य टिका है।

अगर कोर्ट शिक्षकों के हक में फैसला सुनाता है तो हजारों शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा। नौ दिसंबर 2014 को हिमाचल हाईकोर्ट ने अस्थाई शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया था। फैसला आने के बाद राज्य सरकार ने 10 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके पैरा शिक्षकों को नियमित किया था।

सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके पीटीए शिक्षकों को अनुबंध पर लाया था। इसी बीच प्रतिवादी राममूर्ति ने सुप्रीम कोर्ट में कैविट दायर कर दी। 22 जनवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर यथा स्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए। इसके चलते प्रदेश सरकार शिक्षकों को नियमित नहीं कर पा रही है। पीटीए, पैट और पैरा शिक्षक बीते कई सालों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।

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