बीते तीन दिन में प्रदेश में जिस तरह से संक्रमित मरीजों की संख्या बड़ी है वो हैरान करने वाली है। संक्रमित मरीजों की संख्या 1341 पर पहुंच गई है और 55 लोगों की मौत हो गई है। इसका एक कारण ये भी है कि सैंपल लेने और जांच का दायरा बड़ा है। स्वास्थ्य विभाग के संशाधन बढ़ने के बाद इस काम मे तेजी आई है।
एक दो दिन में 6 हजार सैंपल की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। इसमें 3500 भोपाल, 1500 भोपाल एक हजार प्रदेश के अन्य जिलों के हैं। सैंपल की जांच दिल्ली सहित प्रदेश में 9 स्थानों पर की जा रही है। इधर, आईआईएम इंदौर रिसर्च में सामने आया है कि अगर कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या इसी तरह बढ़ती गई तो मई अंत तक ये आंकड़ा 50 हजार तक पहुंच सकता है।
आइआइएम इंदौर के प्रोफेसर सायंतन बैनर्जी के साथ अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रो. वीरा, प्रो. रूपम भट्टाचार्य, प्रो. सारिक मोहम्मद और प्रो. उपाली नंदा ने यह शोध किया है। भारत और अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के पांच प्रोफेसर साथ मिलकर मार्च से कोविड-19 संक्रमण के मामलों का अध्ययन और आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।
बायो स्टेटिक्स के विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमितों को यदि उनके हाल पर छोड़ दिया जाता है तो मई अंत तक प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 50 हजार के पार पहुंच जाएगी। उनका ये भी कहना है कि प्रशासन यदि सख्ती से काम करता है तो ये संख्या 2 से 3 हजार के बीच रहेगी। आइआइएम इंदौर के प्रो. सायंतन बैनर्जी कहते हैं कि लॉकडाउन संक्रमण से निपटने का कारगर तरीका नहीं है।
अगर इसी रफ्तार से मामले बढ़ते रहे तो मप्र में अप्रैल अंत तक ढाई हजार मामले होंगे और मई खत्म होने तक यह संख्या 50 हजार के पार तक पहुंच जाएगी। शोधकर्ताओं का कहना है कि सरकार को चाहिए की जल्दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच की जाए। इससे संक्रमित मरीजों की पहचान समय से हो सकेगी और संक्रमण को रोका जा सकेगा
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए ऐशबाग क्षेत्र को भी हॉटस्पॉट जोन बनाया गया है। यहां लोग महामारी से किस तरह संक्रमित हुए, उनकी ट्रैवल हिस्ट्री में यह बात साफ नहीं हो सकी है। इस सबके बाद भी लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं भी रखा जा रहा है।
वहीं, पुष्पानगर, बाग फरहत अफजा, बाग उमरावदूल्हा के जिस एरिया को कंटेनमेंट घोषित किया गया है, उसमें भी चहलकदमी जारी है। यहां पुलिस की समझाइश का भी लोगों पर असर कम ही हो रहा है। लोग गलियों से निकलकर रास्ता बना रहे हैं। बैरिकेडिंग को क्रॉस करने में परहेज नहीं है। चिंता इस बात की है कि कुछ लोगों की यह असावधानी पूरे क्षेत्र में कहर बनकर न टूट पड़े, क्योंकि लोग घरों के बाहर बिना मास्क के निकल रहे हैं। हालांकि, कई लोगों ने अपने घरों के सामने के रास्ते खुद ही बंद कर रखे हैं। यह घनी आबादी वाला इलाका है। यहां मजदूर वर्ग बड़ी संख्या में रहता है। इस इलाके में अभी तक 10 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। 700 से ज्यादा लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया है।
पुष्पानगर में 80 फिट रोड पर पेट्रोल पंप की ओर से प्रवेश करने करने वाले रास्ते पर की गई बैरिकेडिंग को फांदने में भी लोग परहेज नहीं कर रहे हैं। एक बाइक सवार आया। बाइक खड़ी की और बैरिकेड के ऊपर से छलांग लगाकर 80 फीट रोड पर आ गया। इसी बैरिकेड को खोलकर नगर निगम लिखे चार पहिया वाहन सवार ने अपना वाहन बाहर निकाल लिया। इसी क्षेत्र के एक अन्य रास्ते से भी लोग बैरिकेड के बीच से निकलते रहे।
प्रदेश के किस जिले में कितने मरीज
इंदौर 842, भोपाल 196, जबलपुर 13, ग्वालियर 6, शिवपुरी 2, उज्जैन 30, खरगोन 39, मुरैना 14, छिंदवाड़ा 4, बड़वानी 22, बैतूल 1, विदिशा 13, श्योपुर 3, होशंगाबाद 16, खंडवा 33, रायसेन 8, देवास 17, धार 6, सागर 1, शाजापुर 5, मंदसौर 7, रतलाम 12, सतना 2, टीकमगढ़ 1, आगर मालवा 4, अलीराजपुर 1, अन्य राज्य का 1 मरीज।