ऊना जिले में गेहूं की फसल कटने के लिए तैयार है लेकिन मजदूर न मिलने से किसान परेशान हैं। आसमान पर छा रहे बादलों ने भी किसानों की पेशानी पर बल डाल दिए हैं।
कर्फ्यू की वजह से किसानों को प्रवासी मजदूरों की सेवा नहीं मिल पा रही है। किसानों को खुद ही गेहूं की कटाई करनी पड़ रही है। जिला ऊना में हजारों कनाल भूमि पर गेहूं और आलू की फसल लगी है। आलू और गेहूं की फसल एक साथ पक कर मंडियों में जाने के लिए तैयार हो चुकी है। मगर मजदूर न मिलने से किसानों को फसल संभालने की चिंता सता रही है।
किसानों का कहना है कि अगर समय रहते फसल को न काटा गया तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। दूसरी तरफ किसानों का कहना है की मौसम भी इस समय फसल से विपरीत चलने के कारण उन्हें और भी ज्यादा डर सता रहा है। बारिश के मौसम के चलते आलू की फसल को उखाड़ने और गेहूं की फसल को काटने के लिए और भी रुकने पर मजबूर होना पड़ जाएगा।
आलू और गेहूं की फसल खेतों में ही खराब होने की उन्हें चिंता सता रही है।
आलम यह कि कई किसानों ने अब खुद धीरे-धीरे फसल काटनी शुरू की है। काफी भूमि पर फसल लगने के चलते समय पर सारी फसल को काटना उनके बस में नहीं दिख रहा है। किसानों ने बताया की इन दिनों में काफी प्रवासी मजदूर उनके क्षेत्र में फसल का काम करने के लिए मौजूद होते थे। इस बार ऐसा नहीं हो पाया है। किसानों का कहना है की जो प्रवासी मजदूर उनके खेतों में फसल का काम करते आ रहे थे वो पिछले दिनों खेतों में ज्यादा काम न होने और होली मनाने के लिए अपने-अपने घरों को चले गए थे। इसके बाद कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लगए गया इससे वे वापस नहीं आ पाए।
किसान सुभाष ठाकुर, कमल सैनी, गुरमीत सैणी, राज कुमार, रिम्पू पंडित, दिनेश कुमार, संजू ठाकुर, चंदन ठाकुर, अरविंद डोगरा, रविंद्र सिंह, हरिनारायण सिंह, दलजीत सिंह, नवीन पाठक, अनूप पाठक, ललित, राकेश कुमार, रजनीश पाठक, अखिलेश पाठक गोल्डी, महेश कंग, पंकज दत्ता, अमित ठाकुर, विशाल पाठक, हरमेश चंद, शादी लाल, योगेश पाठक, रवि कुमार, प्रकाश चंद, विशंभर दास, संजय कुमार, तरसेम लाल, सरवन कुमार बबलू, पवन कुमार, स्वर्ण कुमार दर्शन सिंह, सुखदेव सिंह, मोहन लाल सैनी, विजय कुमार, रमेश चंद, मंगत राम सतीश ने कहा कि इस बार मजदूर न मिलने से उन्हें फसल नष्ट होने की आशंका सता रही है