ऊना। कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर लगाए कर्फ्यू के बीच बीस अप्रैल से कई क्षेत्रों में राहत की उम्मीद है। फिर प्रदेश से बाहर फंसे हिमाचली 20 अप्रैल के बाद भी बार्डर नहीं लांघ सकेंगे। उनको 3 मई का इंतजार करना होगा। लोग किसी ऐसे झांसे में न आएं कि कोई उन्हें बार्डर पार करा देगा। उपायुक्त संदीप कुमार ने अमर उजाला से लाइव फेसबुक वॉच पर यह बात कही।
उन्होंने बताया कि पंजाब की सीमा से सटे जिला ऊना में प्रशासन कोई विशेष रियायत देने के मूड में नहीं है। उपायुक्त ने विशेष बातचीत में कहा कि जिले के बार्डर पूरी तरह सील हैं। केवल जरूरी सामान लेकर आ रही गाड़ियों और उनके साथ आने वाले अधिकृत लोगों को ही एंट्री की अनुमति है।
जो लोग प्रदेश से बाहर कहीं फंसे हैं वे जहां हैं वहीं रहें और आगामी आदेशों का इंतजार करें। उन्होंने कहा कि किसी सूरत में जिले में बाहर से आने वाले लोगों के लिए अब 14 के बजाय 28 दिन का क्वारंटीन पीरियड तय किया गया है। होम क्वारंटीन में रह रहे लोगों को भी इस नियम का पालन करना होगा।
उपायुक्त ने कहा कि उनका फोकस जिले में किसानों पर है ताकि कृषि गतिविधियां प्रभावित न हो। जिला के कई इलाकों की तरह हॉट स्पॉट पंचायतों के किसानों को भी प्रशासन सुविधा दे रहा है। खासकर गेहूं की कटाई के लिए कृषि विभाग की ओर से चरणबद्ध तरीके से हार्वेस्टिंग मशीन मुहैया करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि वायरस की रोकथाम के चलते प्रशासन ने आम पास बनाने लगभग बंद किए हैं लेकिन किसानों को चारा और बीज आदि ले जाने में किसी तरह की मनाही नहीं है। ऐसे लोग बिना कर्फ्यू पास के भी कृषि गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं। बशर्ते सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करें। अगर किसी किसान को पास की आवश्यकता हो तो प्रशासन उसे आसानी से पास मुहैया कराएगा।