दिल्ली के कोरोनावायरस से प्रभावित कटेंनमेंट जोन और क्वारैंटाइन सेंटरों में तैनात अफसर लोगों की अजीबोगरीब मांगों से परेशान हैं। इलाके के लोग उनसे चिकन बिरयानी, मटन, पिज्जा, मिठाइयां और गर्म समोसे मांग रहे हैं।
नरेला के क्वारैंटाइन सेंटर में तैनात एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ लोगों ने उनसे चिकन बिरयानी और मटन की मांग की। दक्षिणी दिल्ली में 9 कंटेनमेंट जोन हैं। दूसरे अधिकारी ने बताया कि यहां कुछ लोगों ने उनसे पिज्जा और गर्म समोसे की फरमाइश कर डाली। अफसरों ने कहा कि पूर्वी और मध्य दिल्ली में कुछ कंटेनमेंट जोन के कुछ लोगों ने मिठाइयों की मांग की।
एक सीनियर ऑफिसर ने कहा कि हम ऐसी मांगें पूरी नहीं कर सकते। जब कोई एरिया सील कर उसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है, ऐसे संकट में हमारी ड्यूटी सब्जियां, पानी और दूध जैसी जरूरी चीजें ही मुहैया कराने की है।
हमने अपने फील्ड अफसरों को कह दिया है कि इस तरह की फालतू फरमाइशों को नजरअंदाज करें। दरअसल, कंटेनमेंट जोन में किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती है। जब कोई इलाका कंटेनमेंट जोन घोषित हो जाता है तो प्रशासन और पुलिस अफसर एक वॉट्सऐप ग्रुप तैयार करते हैं, जहां लोग बताते हैं कि उन्हें किन-किन चीजों की जरूरत है। फिर अधिकारी उनकी मांग पूरी करते हैं।
दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि वर्ष 1948 में अपनी स्थापना के बाद 72 वर्षों में उनकी तरफ से अब तक का सबसे बड़ा मानवीय सहायता अभियान चलाया गया है। दिल्ली पुलिस ने रविवार को ट्वीट किया- 1948 यानी दिल्ली पुलिस की स्थापना के बाद यह सबसे बड़ा मानवीय राहत अभियान है। इस अभियान के तहत 50 लाख खाने के पैकेट गरीब, दिहाड़ी मजदूर और बेघर लोगों में बांटे गए।