इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा में रहकर कोचिंग करने वाले मध्यप्रदेश के करीब 3000 छात्रों को वहां से वापस लाने के लिए 150 बसें रवाना हो गई हैं। ग्वालियर से सुबह आठ बजे निकलीं इन बसों के साथ नगर निगम के अपर आयुक्त दिनेश शुक्ल और मेडिकल स्टाफ को जरूरी दवाओं के साथ भेजा गया है। प्रदेश इन छात्रों की मंगलवार देर रात तक वापसी की उम्मीद है। मध्यप्रदेश में प्रवेश से पहले नीमच और आगर मालवा में सभी की स्क्रीनिंग की जाएगी।
पहले इंदौर से बस भेजी जानी थी, लेकिन शासन ने ग्वालियर से बसों को रवाना किया है। जो हर शहर के छात्रों को छोड़ेंगी। इंदौर के करीब 25 बच्चों की सूची परिवहन विभाग आरटीओ के पास आई है, जिन्हें लेकर कोटा से बस इंदौर आएगी। उज्जैन जिले के 26 स्टूडेंट हैं। उज्जैन के एसडीएम डॉ.आरपी तिवारी ने बताया इन स्टूडेंट को लाने के लिए प्रशासन की संभाग स्तरीय टीम गठित की है। ये टीम सड़क मार्ग से जाएगी।
एंट्री पाइंट पर होगी स्क्रीनिंग
नीमच व आगर-मालवा के एंट्री पाइंट पर सभी स्टूडेंट की स्क्रीनिंग करवाई जाएगी। इसके बाद इन्हें उज्जैन जिले में लाकर इन्हें इनके परिवार के सुपुर्द कर दिया जाएगा। नीमच जिले के 44 और उज्जैन संभाग के करीब 200 बच्चों के नाम आए है। सिंगोली स्थित कोटा राजस्थान बार्डर पर जिला प्रशासन उज्जैन संभाग के बच्चों की अगवानी करेंगे। इसके बाद स्क्रीनिंग करने के बाद संबंधित जिले के नोडल अधिकारियों के साथ उन्हें रवाना कर दिया जाएगा।
क्वारैंटाइन किए जाएंगे बच्चे
उज्जैन संभाग के बच्चों को जिला प्रशासन सिंगोली में रिसीव करेगा और उनके सभी की स्क्रीनिंग के बाद खाना खिलाया जाएगा। इसके बाद नीमच के बच्चों के लिए कुछ निजी होटल चिन्हित की गई जिन्हें कुछ दिन होटल में क्वारैंटाइन रखेंगे और उसके बाद फिर वह अपने घर भी जा सकेंगे। साथ ही अन्य जिले के बच्चे उनके नोडल अधिकारियों के साथ उनके गृह जिले में जाएंगे।
यूपी सरकार ने की थी पहल, विपक्ष ने भी की थी तारीफ
कोटा में फंसे छात्रों को उनके घर पहुंचाने की पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने की थी। सरकार ने राज्य के करीब 4000 छात्रों को आगरा और झांसी से बसें भेजकर उनके घर पहुंचाया था। बसपा नेता मायावती और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार के इस कदम की तारीफ करते हुए अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को भी वापस लाने की मांग की थी।