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चीन से आई रैपिड टेस्ट किट में है गड़बड़ी….

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देश में जारी कोरोना के कहर के बीच तीन राज्यों ने संकेत दिये हैं कि COVID-19 की जांच के लिए चीन में बने रैपिड टेस्टिंग किट पूरी तरह से प्रभावी नहीं हैं. इसके बाद शीर्ष मेडिकल बॉडी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने इस मामले को देखने और इसका हल निकालने का वादा किया. इसके साथ-साथ ने राज्यों से अगले दो दिनों तक इस जांच किट का उपयोग बंद करने के लिए कहा. राज्यस्थान जिसने यह मुद्दा उठाया था, वह पहले से ही इस जांच किट का उपयोग बंद कर चुका है.

इस महीने की शुरुआत में सरकार ने चीन से लगभग 6.5 लाख रैपिड टेस्टिंग किट खरीदे थे. ICMR द्वारा देश भर में COVID-19 हॉटस्पॉट में सभी लोगों के परीक्षण की सलाह के बाद उन्हें देश भर में वितरित किया गया था. इस किट से परीक्षण चार दिन पहले शुरू हुआ था. चीन से भारत किट आने के बाद भी मीडिया के एक वर्ग द्वारा इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए थे. मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए चीन ने पिछले हफ्ते इस बात से साफ इनकार कर दिया था कि टेस्टिंग किट घटिया स्तर की थीं. उन्होंने कहा था कि वे ‘चिकित्सा उत्पादों के निर्यात को बहुत महत्व देते हैं.’

बता दें स्वास्थ्य मंत्रालय की रोजाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने बताया था कि कोरोनावायरस से संक्रमण पर निगरानी के लिये राज्यों को दी गईं रैपिड टेस्टिंग किट का अगले दो दिन तक इस्तेमाल नहीं करने का परामर्श दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस किट के परीक्षण परिणाम में अंतर मिलने के बारे में एक राज्य से मिली शिकायत के आधार पर तीन अन्य राज्यों से इसकी पुष्टि किये जाने के बाद आईसीएमआर ने किट में तकनीकी परेशानी का हल किये जाने तक रैपिड किट से परीक्षण नहीं करने को कहा है.

उधर, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि इन किट से परीक्षणों के परिणाम के बारे में एक रिपोर्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को भेजी गई है. मंत्री के अनुसार इस किट से केवल पांच प्रतिशत सही या वैध परिणाम मिले हैं. उन्होंने कहा,’पहले ही संक्रमित पाए गए 168 मामलों में इस किट से परीक्षण किया गया, लेकिन इसका परिणाम केवल 5.4 प्रतिशत ही सही आ रहा है और जब परिणाम सही नहीं हैं तो इससे परीक्षण करने का क्या फायदा है.’

शर्मा ने कहा कि जब पहले से ही संक्रमित पाए गए मामलों में ही किट का प्रयोग असफल हो गया तो इससे प्रयोग का कोई फायदा नहीं. उन्होंने कहा, ‘वैसे भी ये परीक्षण अंतिम नहीं थे क्योंकि बाद में पीसीआर टेस्ट करना होता था. हमारे चिकित्सकों के दल ने सलाह दी है कि इससे जांच का कोई फायदा नहीं है.’

वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या 18985 हो गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1329 नए मामले सामने आए हैं और 44 लोगों की मौत हुई है. देश में कोरोना से अब तक 603 लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि 3260 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं.

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