पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि एक माह बाद मंत्रिमंडल का गठन वो भी सिर्फ 5 मंत्री, कोई विभाग का बंटवारा नहीं। इसी से समझा जा सकता है कि भाजपा में कितनी अंतर्कलह चल रही है। नाथ ने कहा कि आज के मंत्रिमंडल गठन में ही भाजपा के कई जमीनी संघर्ष करने वाले अनुभवी नेताओं को नहीं लिया गया, जबकि संकट के दौर में उनके अनुभव की आवश्यकता थी।
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने संविधान की धारा 164 (ए) का हवाला देकर कहा कि कम से कम 12 मंत्री बनने थे, लेकिन केवल पांच को ही मंत्री बनाया गया, जो असंवैधानिक है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मंत्रिमंडल गठन पर तंज कसते हुए सिंधिया समर्थक 20 पूर्व विधायकों पर चुटकी ली।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश आज भी स्वास्थ्य मंत्री विहीन है। यही तो पंगु सरकार के लक्षण हैं। वहीं, पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने कहा कि सिंधिया कोटे के दो मंत्री बनाकर भाजपा ने यह सिद्ध कर दिया कि उनके 10 मंत्री तो नहीं बनेंगे। अब आगे देखते हैं सिंधिया अपनी सियासत कैसे बचा पाते हैं।