अब जबकि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) लगभग रद्द हो गया है, तो टीम इंडिया से बाहर चल रहे दिनेश कार्तिक ने बोर्ड के समक्ष सुझाव उछाल दिया है. हालांकि, कार्तिक जैसे सुझाव फुटबॉल की दुनिया में भी देखने को मिले हैं, लेकिन बात यह है कि बीसीसीआई इस सुझाव को मानता भी या नहीं .
कोलकाता नाइटराइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक ने कहा है कि उन्हें खाली स्टेडियम में शीर्ष स्तरीय क्रिकेट खेलने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि ज्यादातर खिलाड़ी घरेलू मैचों में कुछेक दर्शकों की उपस्थिति में ही खेलकर बड़े हुए हैं. खेल प्रतियोगिताओं को कोविड-19 महामारी के चलते खाली स्टेडियमों में कराने को लेकर सभी की अलग अलग राय हैं.
कार्तिक ने इंस्टाचैट के दौरान इंग्लैंड के पूर्व गेंदबाज से कमेंटेटर बने ईशा गुहा से गुरूवार को कहा, ‘‘हम में से ज्यादातर खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में दर्शकों के बिना खेलते हुए बड़े हुए हैं. इलसिये यह हमारे लिये कुछ नया नहीं होना चाहिए.” चौंतीस बरस के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से यह थोड़ा अजीब लगेगा, हम दर्शकों की अनुपस्थति में कभी भी आईपीएल नहीं खेले हैं, लेकिन हम घरेलू क्रिकेट में इस तरह खेले हैं जब कोई भी हमें खेलते हुए नहीं देख रहा होता था.”
कार्तिक ने इस बातचीत में क्रिकेट कमेंटेटरों की कभी कभार खिलाड़ियों पर विवादास्पद टिप्पणियां करने की प्रवृति के बारे में कहा, ‘‘काफी खिलाड़ी कमेंटेटरों की बात से आहत हो जाते हैं क्योंकि वे एक खिलाड़ी के तौर पर आपके बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि एक बात और है कि अगर वे आपके बारे में बात नहीं करेंगे तो आप इतने योग्य नहीं हो”
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इयान चैपल का एक इंटरव्यू याद है जिसमें एक खिलाड़ी उनसे आकर पूछता है कि आपने मेरे बारे में ऐसा क्यों कहा तो उन्होंने कहा, ‘तुम्हारा काम खेलना है. मेरा काम बात करना.चलो अपना अपना काम करते हैं.’