प्रदेश सरकार ने राज्य में वरिष्ठ नागरिकों एवं आम लोगों की सुविधा तथा प्रातः भ्रमण के लिए कफ्र्यू के दौरान रविवार से प्रातः 5ः30 से 7 बजे तक प्रतिदिन छूट देने का निर्णय लिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोविड-19 के दृष्टिगत आज शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान दी।
राज्य सरकार ने कफ्र्यू के दौरान वर्तमान में तीन घंटों के बजाए सोमवार से चार घंटों की छूट देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से न केवल सामाजिक दूरी बनाए रखने में सहायता मिलेगी, बल्कि दुकानों पर भीड़ भी कम होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कफ्र्यू के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है तथा 3 मई के बाद लाॅकडाउन खुलने के उपरांत आर्थिक गतिविधियांे को पुनः सुचारू बनाने के लिए एक उपयुक्त योजना बनाना महत्वपूर्ण है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के बाहर फंसे लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश वापिस आने के इच्छुक लोगों को सुविधा प्रदान करना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन लोगों को प्रदेश में आने के उपरांत पूरी चिकित्सा जांच करवानी होगी तथा परिस्थिति के आधार पर संस्थागत या होम क्वारन्टीन में रहना होगा। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों को ऐसे व्यक्तियों की सूचना प्रदान की जानी चाहिए तथा उन्हें सुनिश्चित करना होगा कि संबंधित व्यक्ति क्वारन्टीन में रहे। उन्होंने कहा कि उनके लिए प्रदेश के लोगों की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण है तथा इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएं, ताकि प्रदेश में वापिस आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से वापिस आने वाले हिमाचल प्रदेश के विद्यार्थियों की भी चिकित्सा जांच की जानी चाहिए तथा उन्हंे होम क्वारन्टीन में रखा जाए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रदेश में फंसे अन्य राज्यों के लोगों को भी उनके संबंधित राज्यांे में जाने के लिए सुविधा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में प्रवेश करने वाले लोगों को आरोग्य सेतु ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करने को कहा जाए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि संबंधित उपायुक्त यह सुनिश्चित बनाए कि सभी निजी अस्पतालों तथा क्लीनिकांे को सुचारू रूप से चलाया जाए। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए उन्हें कफ्र्यू पास बनाने के लिए बाध्य न किया जाए, बल्कि ऐसे संस्थानों के प्रमुख द्वारा प्रमाणित पहचान-पत्र भी स्वीकार्य हो। उन्होंने कहा कि इससे न केवल लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में सहायता मिलेगी, बल्कि प्रमुख सरकारी अस्पतालांे में भीड़ भी कम होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने खनन स्थलों से परियोजना क्षेत्रों तक निर्माण सामग्री ले जाने वाले ट्रकांे की अंतर-जिला आवाजाही को स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निर्माण स्थलों तक सड़क निर्माण मशीनरी की अंतर-जिला आवाजाही को भी स्वीकृति प्रदान की है। उन्होंने उपायुक्तों को निर्माण स्थलों पर लोक निर्माण विभाग के संबंधित फील्ड स्टाफ को आने-जाने की स्वीकृति देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि अन्य राज्यों से प्रदेश पहुंचने वाले लोगों को कोरोना वायरस से बचाव उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए अन्य राज्यों के जिला दंडाधिकारियों द्वारा प्रदान किए गए पास स्वीकार्य होंगे।
पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए मास्क या फेस कवर पहनने के लिए प्रेरित किया जाए।
प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग जे.सी. शर्मा ने कहा कि सड़क निर्माण व मुरम्मत कार्यो के लिए लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों के श्रमिकों को आवाजाही के लिए अनुमति दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने कहा कि जिला के भीतर आवाजाही के लिए विशेषकर ग्रीन जिलों में उदारतापूर्ण आधार पर पास प्रदान किए जाए।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर. डी. धीमान, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।