भोपाल. एक साथ नौकरी करने वाले सहकर्मी में कब मुलाकात प्यार में बदल गई पता नहीं चला। जब लॉकडाउन हुआ तो दोनों का एक-दूसरे से मिलना बंद हो गया। जुदाई से बेचैन 57 वर्षीय प्रेमिका अपने 45 वर्षीय प्रेमी से मिलने उसके घर पहुंच गई।
पत्नी को पता चला तो विवाद बढ़ गया। इस पर प्रेमिका ने फिल्म जुदाई की तर्ज पर प्रेमी की पत्नी को पति देने के लिए अपनी पूरी प्राॅपर्टी देने का प्रपोजल दे डाला। पत्नी नहीं मानी और पति की प्रेमिका के बहू-बेटों को बुला लिया। इस मामले में पुलिस की समझाइश और फैमिली कोर्ट की काउंसलर द्वारा की गई काउंसलिंग के बाद महिला अपने प्रेमी के घर से वापस लौटी। हालांकि अब भी मामले में लगातार दोनों परिवारों की ऑनलाइन काउंसलिंग चल रही है।
सरकारी नौकरी करने वाली 57 वर्षीय महिला के पति की मौत 10 साल पहले हो गई थी। बेटे की शादी के बाद वह अपने दायित्वों से मुक्त हो गई। शादी के बाद बेटा-बहू की उपेक्षा की वजह से अकेलापन महसूस कर रही महिला अपना दुख-दर्द अपने 45 वर्षीय सहकर्मी से साझा करने लगी। इस बीच दोनों के बीच प्यार कब परवान चढ़ गया, पता ही नहीं चला। इसका अहसास तब हुआ जब महिला लॉकडाउन के चलते अपने प्रेमी से नहीं मिल पाई। दूरी सहन नहीं हुई तो महिला रचना नगर से प्रेमी के चूनाभट्टी स्थित घर पहुंच गई।
मामला फैमिली कोर्ट में… झगड़ा इतना बढ़ गया कि पुलिस बुलानी पड़ी
किचन में चाय बनाते हुए अचानक बाहर आई पत्नी ने जब अपने पति और उस महिला को एक-दूसरे का हाथ थामे देखा तो आपा खो बैठी। जमकर विवाद हुआ। इस दौरान महिला लगातार यही कहती रही कि वह सिर्फ अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है। वह उसे अपने घर में साथ रहने की परमिशन दे दे, बदले में वह अपनी पूरी प्रॉपर्टी उसके नाम करने को तैयार है। झगड़ा इतना बढ़ गया कि पुरुष के पड़ोसी और मित्र ने हस्तक्षेप करते हुए पुलिस को बुलाया। वहीं पुरुष के एक मित्र ने फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी को फोन लगाकर मदद मांगी।
काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि पूरे दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पति-पत्नी, सहकर्मी महिला और उसके बेटे की काउंसलिंग की गई। महिला अकेलेपन से परेशान थी। बहू-बेटा बात नहीं करते थे। इसलिए वह सहकर्मी के घर चली गई।
पुरुष का कहना था कि वह केवल उसकी दोस्त है। अकेलेपन से घबराकर सहारा मांग रही है। उसकी पत्नी का कहना है कि शादी के 14 साल बाद पति ने उसे धोखा दिया है। वह उसे कभी माफ नहीं कर सकती। दोनों पक्षों को लगातार समझाया जा रहा है।