आज वर्ल्ड लाफ्टर डे है. हर साल की तरह इस साल भी मई महीने के पहले रविवार को यह खास दिन पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है. यह तो आपने अक्सर सुना होगा कि हंसी सबसे अच्छी और सस्ती दवा है जो हर मर्ज का इलाज कर देती है. लेकिन इस साल यह दिन बेहद खास है क्योंकि जहां पूरी दुनिया कोरोनवायरस जैसी महामारी को झेल रही हैं उस बीच यह लाफ्टर डे कुछ पल के लिए लोगों के चेहरे पर मुस्कान तो जरूर ला देगी.
लॉफ्टर, हंसी या आप इसे दूसरे नामों से भी जानते होंगे लेकिन इसके बारे में एक बात जो अक्सर कही जाती है कि इस महंगी और मॉर्डन दुनिया में यह लॉफ्टर ही ऐसी थेरेपी है जो आपको अंदर से मजबूत, एनर्जेटिक और पॉजिटीव रखती है.
एक हंसी आपकी सारी प्रॉब्लम पर मलहम की तरह काम करती है.
वर्ल्ड लॉफ्टर डे मनाने के पीछे एक खास उद्देश्य था. इस दिवस की शुरुआत करने का पूरा श्रेय लॉफ्टर योग आंदोलन के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया को जाता है. उन्होंने ही 11 जनवरी 1998 को मुंबई में पहली बार वर्ल्ड लॉफ्टर डे मनाया था. इसे मनाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य यह था कि समाज में बढ़ते तनाव को कम कैसे किया जाए? ताकि लोग घरों में अपनी फैमिली आसपास के लोगों के साथ खुशी से रह सकें. तो ऐसे में सोचा गया क्यों न ऐसा कुछ किया जाए जिसके बहाने ही लोग एक दूसरे से बात करें और हंस ले. क्योंकि हमारी जीवन में हंसी का एक खास महत्व है. तब से हर साल मई महीने के पहले रविवार को वर्ल्ड लॉफ्टर डे के रूप में मनाया जाता है.
लोगों की जिदंगी में हंसी का खास महत्व क्यों है ? ऐसा माना जाता है कि आप कितनी भी बड़ी प्रॉब्लम में है लेकिन आपके चेहरे पर हंसी रहेगी तो शायद ही आप जिंदगी की कोई बाजी हार सकते हैं. वर्ल्ड लॉफ्टर डे को ध्यान में रखते हुए आज जगह-जगह पर लॉफ्टर क्लब, लॉफ्टर पार्क बनाए गए हैं, ताकि भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव से मुक्ति मिल सकें.