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16 नगर निगमों में ठेले और फेरीवालों को 10 हजार रु. मिलेगा कर्ज…

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नगर निगम सीमा में फेरी लगाने व ठेले से सामान बेचने वाले पथ विक्रेताओं (स्ट्रीट वेंडर) को कर्ज मिलना आसान हो, इसके लिए सरकार 10 हजार रुपए की पूंजी उन्हें उपलब्ध कराएगी। मप्र सरकार पथ विक्रेता कल्याण योजना ला रही है, जिससे प्रदेश के एक लाख 12 हजार पथ विक्रेता को लाभ होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना को लेकर मंगलवार को बैठक की। हाल ही में केंद्र सरकार ने आर्थिक रियायतों में मनरेगा

शहरी पथ विक्रेता और छोटे उद्योगों के लिए काफी कुछ प्रावधान किए। इसी के तहत मप्र भी आगे काम करने जा रहा है। बैठक में मंत्री और अधिकारी भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के लिए पैकेज घोषित कर विभिन्न क्षेत्रों में योजनाबद्ध ढंग से प्रावधान किए हैं। मध्यप्रदेश की स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण पर काम करें। इससे उद्योग, रोजगार, ग्रामीण विकास, कृषि के क्षेत्र को लाभ होगा। इस समय जरूरतमंद श्रमिकों को काम की आवश्यकता है,

ताकि उनकी रोजी-रोटी चले। लिहाजा गौशाला निर्माण, मंदिर सरोवर, मंदिर उद्यान के ज्यादा से ज्यादा काम मनरेगा के तहत किए जाएं। मंदिर गौशाला के कामों को प्राथमिकता दी जाए। इन कामों में मशीनों का उपयोग न हो। स्टाप डेम, चेक डेम, सरोवर निर्माण, खेत तालाब, मेड़ बंधान, नंदन फलोद्यान जैसे कार्य करवाए जाएं। स्थानीय श्रमिकों के साथ ही बाहर के श्रमिकों को भी जॉब कार्ड दिए जाएं।

सीएम के सामने प्रजेंटेशन में बताया कि वर्तमान में 20 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा के कामों से जोड़ा गया है। साढ़े सत्रह हजार दिव्यांग भी हैं। पिछले साल सिर्फ 10 लाख को काम था, इस साल यह संख्या दो गुनी है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के बाहर के मजदूरों को मनरेगा में काम मिलेगा। इस योजना की लांचिंग 22 मई को होगी। प्रदेश को मनरेगा अंतर्गत 11000 करोड़ से अधिक की राशि मिलेगी।

दीनदयाल रसोई फिर पूरी क्षमता से चलेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनदयाल रसोई योजना की उपयोगिता को देखते हुए आज की परिस्थितियों में इसे दोबारा सुचारू रूप से संचालित किया जाएगा। सोशल डिस्टेसिंग के साथ गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने की इस योजना को सामाजिक संस्था के सहयोग से पुराने स्वरूप में लौटाया जाए।

गृहमंत्री मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ग्लोबल टेंडरिंग पर रोक रहेगी। स्थानीय लोगों व उद्योगों को किया जाएगा प्रोत्साहित किया जाएगा। चिकित्सा उपकरण भी देश-प्रदेश में बनवाए जाएंगे। वोकल फाॅर लोकल ही थीम को मप्र में पूरी तरह लागू करने का प्रयास किया जाएगा।

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