शहर में कोरोना के नए पॉजिटिव मरीजों में से करीब 80 फीसदी ऐसे हैं, जिनमें किसी तरह के गंभीर लक्षण नहीं हैं और पॉजिटिव होने के बाद भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। यह बात गुरुवार को कोरोना के क्लिनिकल प्रोटोकॉल की समीक्षा के लिए बनी विशेषज्ञ समिति की बैठक में सामने आई। बैठक में दावा किया गया कि कोरोना संक्रमण की तीव्रता इंदौर में कम हो गई है।
समिति ने अरबिंदो अस्पताल की जानकारी देेते हुए बताया कि यहां करीब 450 मरीज भर्ती हैं, जिसमें से केवल 17 ही आईसीयू में हैं और अधिकांश काे ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने मेडिकल टीम को निर्देश दिए हैं कि वह अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जांच करें और जो स्वस्थ हैं, जिनमें किसी तरह के लक्षण नहीं हैं, उन्हें डिस्चार्ज करते हुए होम आइसोलेट करें। कमेटी ने बताया कि ऐसे करीब 200 से ज्यादा मरीज दो-तीन दिन में डिस्चार्ज किए जा सकते हैं।
कमिश्नर ने कहा कि इंदौर में कोविड-19 से मृत्यु की दर अब राष्ट्रीय औसत के नजदीक आ गई है। शहर में जहां पहले लगभग 11 प्रतिशत मृत्यु दर थी, अब 3.86 प्रतिशत पर आ गई है। शेष|पेज 8 परउन्होंने कहा कि शासन द्वारा दिए गए 10 प्रतिशत ऑडिट के स्थान पर कोविड से मृत्यु के सभी प्रकरणों की छानबीन की जाए और डेथ ऑडिट रिपोर्ट तैयार की जाए।
150 रुपए का मास्क दे रहा बाय पैप का काम : एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वीपी पांडे ने बैठक में बताया कि इंदौर में एनआरबी (नाॅन रिब्रीथर मास्क) का उपयोग मरीजों को ऑक्सीजन देने में किया जा रहा है। यह मास्क ऑक्सीजन थैरेपी में उपयोग में लाया जाता है। बैठक में डीन डॉ. ज्योति बिंदल, डॉ. सलिल भार्गव, आईएमए के डॉ. सतीश जोशी, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. केके अरोरा, अरबिंदो हॉस्पिटल के डॉ. मनोज केला आदि माैजूद थे।
95 वर्षीय बुजुर्ग ने दी कोरोना को मात वहीं, इधर चार अस्पतालों से गुरुवार को 86 मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया। इनमें 95 वर्षीय नेहरू नगर निवासी चंदाबाई परमार भी शामिल हैं। उन्हें 10 मई को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनकी पोता बहू दीपा ने बताया कि मेरे ससुर उमाकांत की तबीयत खराब थी। 4 मई को उनकी मृत्यु हो गई थी। 6 मई को परिवार के 16 सदस्यों की जांच करवाई तो छह लोग पॉजिटिव निकले। इनमें परदादी चंदा बाई भी थीं।