शनि सूर्य के पुत्र हैं लेकिन अपने पिता से शनि का बैर है. अच्छे कर्म करने और नित्य प्रार्थना करने से शनि की अशुभता दूर होती हैं. वहीं देश में शनि देव के प्राचीन मंदिर हैं. यहां पूजा और दर्शन करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं शनि देव के मंदिरों के बारे में.
शनि शिंगणापुर मंदिर शनि देव का यह सबसे प्रसिद्ध मंदिर है. इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पूजा करने और तेल चढ़ाने से शनि प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाले कष्टों को दूर करते हैं. एक पौराणिक कथा के अनुसार बहुत समय पहले शिंगणापुर गांव में बाढ़ आ गई. बाढ़ के पानी से एक काला पत्थर गांव के एक पेड़ से अटक गया. ग्रामीणों ने इस पत्थर को पेड़ से हटाने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन सफल नहीं हो सके. फिर एक ग्रामीण बल का प्रयोग किया
तो पत्थर से लाल रक्त बहने लगा. यह देख ग्रामीण घबरा गए. फिर शनि देव ने उस व्यक्ति को रात में सपना दिया और कहा कि मेरे इस पत्थर की स्थपना मामा भांजे द्वारा करवाओ. अगले दिन ग्रामीणों के सहयोग से ऐसा ही किया गया. जहां पर पत्थर को स्थापित किया गया वो स्थान शनि मंदिर कहलाया
इस गांव की एक विशेषता है. यहां कोई भी अपने घर में ताला नहीं लगता है. मान्ययात है कि इस गांव की रक्षा स्वयं शनि देव करते हैं और जो भी कोई गलत कार्य करता है उसे वे दंड देते हैं.