Home राष्ट्रीय नोएडा में भाजपा नेता गिरफ्तार, थाने के बाहर धरने पर बैठे भाजपाई….

नोएडा में भाजपा नेता गिरफ्तार, थाने के बाहर धरने पर बैठे भाजपाई….

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नोएडा के सेक्टर 24 थाना पुलिस के खिलाफ भाजपा नेताओं का गुस्सा गुरूवार को फूट पड़ा। महानगर अध्यक्ष के नेतृत्व में थाने के बाहर ही भाजपा नेता चादर बिछाकर धरने पर बैठ गए और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व महानगर अध्यक्ष नरेश शर्मा को किरायेदार के साथ मारपीट के आरोप में पुलिस द्धारा गिरफ्तार किए जाने पर भाजपा नेताओं को अपनी ही सरकार में पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठना पड़ा।

भाजपा नेताओं का आरोप था कि सुबह पांच बजे ही पुलिस ने नरेश शर्मा को घर से गिरफ्तार कर लिया और उसे अज्ञात स्थान पर ले गए। जिसका पता लगाने के लिए जब महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता और अन्य भाजपा नेताओं ने फोन मिलाये  तो थानाध्यक्ष ने फोन नहीं उठाये और महानगर अध्यक्ष व अन्य नेता थाने पहुंचें तो थाने में भी नरेश के बारे में कोई जानकारी ना मिलने पर उन्हें धरने पर बैठना पड़ा और कुछ ही देर में वहां पर बड़ी संख्या में भाजपा नेता जुट गए। प्रदेश संगठन भी इस मामले को लेकर सक्रिय हो गया। जिसके निर्देश पर यह धरना समाप्त हुआ और नरेश शर्मा को पुलिस ने थाने से ही जमानत देकर छोड़ा।

भाजपा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा कि नरेश की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी उनके घर आयी तो उन्होंने एसओ को फोन मिलाया। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और थाने में जाने पर भी कोई कुछ बताने के लिए तैयार नहीं था और पुलिसकर्मियों का रवैया भी संतोषजनक नहीं था। नरेश पार्टी का 25 साल पुराना कार्यकर्ता है, जिसके साथ वह कैसे अन्याय होने देते। पुलिस के अधिकारी प्रदेश सरकार को बदनाम करने में लगे हैं। यह मामला प्रदेश हाईकमान के भी संज्ञान में है और हाईकमान इसे गंभीरता से ले रहा है, जिसके लिए दोषी कोई भी पुलिसकर्मी नहीं बचेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि किसी भी कार्यकर्ता के सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचा सकता।

पुलिस द्धारा गिरफ्तार किए गये भाजयुमो के पूर्व महानगर अध्यक्ष नरेश शर्मा ने कहा कि यह मामला किराये का नहीं है, बल्कि पुलिस को बचाने का है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने पुलिसकर्मियों की अय्याशी को लेकर कुछ ट्वीट किए थे। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सेक्टर 24 थाने के कुछ पुलिसकर्मी लॉक डाउन के दौरान ड्यूटी ना कर एक होटल में अय्याशी करते हैं। इसके प्रमाण भी उन्होंने दिए थे। जिसकी जांच पुलिस अधिकारी कर रहे हैं और उसमें तीन दारोगा फंसे हुए हैं। उन पर दबाव बनाया जा रहा था कि वह बयान बदलकर अपनी शिकायत वापिस ले लें, लेकिन उन्होंने जब शिकायत वापिस नहीं ली तो पुलिस ने किरायेदार को मोहरा बनाकर उन्हें फंसाने के लिए यह काम किया।

भाजपा नेता का कहना है कि जिस किरायेदार राकेश से विवाद हुआ, उसके साथ उनका नवम्बर तक का एग्रीमेंट है और वह पहले ही कुछ सामान घर से निकाल कर ले जा चुका है। 28 मई को उसके परिवार के कुछ लोग सामान लेने आये थे। जिस पर उन्होंने मना कर दिया था और कहा था कि जब तक किराये का हिसाब नहीं  होगा वह सामान नहीं ले जा सकते। इसी बात को लेकर किरायेदार ने मारपीट का आरोप लगाया और पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया।

अपनी ही सरकार में भाजपा महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के थाने के बाहर धरने पर बैठने की सूचना फैलते ही हड़कम्प मच गया। लखनऊ तक यह मामला जा पहुंचा। क्षेत्रीय संगठन ने इसकी रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को दी और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने महानगर अध्यक्ष को फोनकर मामले की जानकारी ली और तत्काल ही धरना समाप्त करने के निर्देश दिए। जिसके बाद यह धरना समाप्त हुआ।

भाजपा के इस प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंस की भी धज्जियां उड़ी और पाटी के कार्यकर्ता एक साथ वहां पर धरने पर बैठ गए।इनमें शामिल कुछ कार्यकर्ताओं ने मास्क भी नहीं लगा रखे थे।

एडीसीपी रणविजय सिंह ने कहा कि नरेश शर्मा के खिलाफ उनके किरायेदार ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी विवेचना चल रही थी और विवेचना के दौरान ही गिरफ्तारी की गई। जिसको लेकर एक राजनीतिक दल के लोग आये थे। उन्हें सारी स्थिति से अवगत करा दिया गया। उनके द्वारा थाने के बाहर जो कुछ किया गया उसको लेकर भी वीडियो फुटेज और फोटो देखें जा रहे हैं। जिनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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